सनातन धर्म में मंदिर जाने का बहुत महत्व होता है. कई लोग रोज मंदिर जाकर भगवान जी के दर्शन करते है और ये उनके रोजमर्रा की जिंदगी का एक खास हिस्सा होता है. शास्त्रों के अनुसार, जब आप किसी मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए जाते है तो दर्शन के बाद बाहर आकर थोड़ी देर मंदिर की सीढ़ियों पर बैठना चाहिए. ऐसा करना काफी शुभ माना जाता है.
मिलेगी सुख-शांति और धन- दौलत
अगर आप भी मंदिर की सीढ़ियों पर बैठकर भगवान से गाड़ी, बंगला, धन-दौलत, कामकाज, नौकरी, घर, आदि की कामना करते है, तो ये करना छोड़ दें. क्योंकि मंदिर की सीढ़ियों पर बैठने का एक विशेष उद्देश्य है. हालांकि इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है, बल्कि कुछ धार्मिक मान्यताओं के वजह से ये परंपरा चली आ रही है. लेकिन सुख- शांति के लिए मंदिर की सीढ़ियों पर बैठकर इस एक मंत्र को पढ़ें. ऐसा करने से आपको सुख-शांति के साथ-साथ धन की भी प्राप्ति होगी. आइए इस लेख में हम आपको उस मंत्र के बारे में बताते है.
सीढ़ियों पर क्यों बैठना चाहिए
अक्सर लोग मंदिर में भगवान के दर्शन करने जाते है. दर्शन करने के बाद कुछ देर सीढ़ियों पर बैठना चाहिए. ऐसा करना शुभ माना जाता है. हिंदू धर्म में मंदिर के शिखर को देवता का मुख और सीढ़ियों को चरण के रूप में देखा जाता है. इसलिए मंदिर की सीढ़ियों पर बैठकर कुछ देर मंत्र बोलने चाहिए. ऐसा करने से सभी समस्याओं का समाधान होता है.
मंदिर की सीढ़ी पर बैठकर बोले ये मंत्र
मंत्र - बिना प्रयास के मृत्यु, बिना दिए जीवन।
मेरे शरीर के अंत में मुझे अपनी उपस्थिति दें, हे भगवान।
मंत्र का अर्थ
हे प्रभु, भगवान, परमात्मा... बिना किसी तकलीफ के हमारी मृत्यु हो. कभी भी हम बीमार होकर बिस्तर पर पड़ें होकर या फिर कष्ट उठाकर मृत्यु को प्राप्त न हों. हे प्रभु हमारे प्राण चलते-फिरते ही निकल जाएं. ऐसे ही आप हमे अपनी शरण में बुला लें. हम किसी के सहारे बिस्तर पर न पड़ें हो, हमें किसी पर निर्भर रहने की जरूरत न पड़े. जब भी मृत्यु हो आपके सम्मुख ही हो. आपके दर्शन करते हुए ही प्राण निकल जाएं.