रांची: झारखंड विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के एक सदस्य ने मणिपुर में हिंसा का मुद्दा उठाया. जिसके बाद विपक्षी भाजपा के सदस्यों ने राज्य में कथित रूप से बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर नारेबाज़ी की और सदन में हंगामा हो गया. इसके बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही पहले सुबह 11 बजकर 20 मिनट से दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित की गयी. इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजकर पांच मिनट पर शुरू हुई और हंगामे के बीच वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 2023-24 के लिए अनुपूरक बजट को विधानसभा के पटल पर रखा जिसके बाद दोपहर साढ़े 12 बजे सदन की कार्यवाही को मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजकर पांच मिनट पर शुरू हुई और झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए विधायक प्रदीप यादव ने मणिपुर का मुद्दा उठाते हुए केंद्र सरकार पर हिंसा पर चुप रहने का आरोप लगाया.
यादव के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के विधायक सदन में आसन के सामने आ गए और राज्य में कथित रूप से खराब होती कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाया. भाजपा के विधायकों ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विशेष चर्चा की मांग की और मुख्यमंत्री के इस्तीफे की भी मांग की. इसके विरोध में कांग्रेस के कुछ विधायक भी आसन के सामने आ गए लेकिन वे अध्यक्ष रबिन्द्रनाथ महतो के आग्रह के बाद वापस अपनी सीटों पर चले गए. भाजपा विधायक अमर बाउरी ने कहा कि माकपा नेता सुभाष मुंडा की हत्या कर दी गई लेकिन प्रशासन आरोपियों को अबतक गिरफ्तार नहीं कर पाया. इससे पहले सुबह में भाजपा नेताओं ने अधिवास, रोजगार नीति और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विधानसभा के मुख्य द्वार के बाहर प्रदर्शन किया.