हजारीबाग को विकसित करने के लिए बड़ी तादात में पेड़ों को काटा जा रहा है. इससे जंगली जानवरों को काफी समस्या हो रही है. जंगलों के सिमटने से अब जंगली जानवर शहरों में घुसने लगे हैं. हाल ही में हजारीबाग के शहरी क्षेत्र में एक हाथी घुस आया था, जिसने काफी उत्पात मचाया था. उसने दो लोगों की जान भी ले ली थी. अब हजारीबाग झील इलाके में एक जंगली सियार आ गया और वहां टहल रहे लोगों पर हमला कर दिया. सियार ने 7 से 8 लोगों को काट कर घायल कर दिया. बताया जा रहा है कि हजारीबाग का ह्रदयस्थली झील पर सुबह सवेरे लोग मॉर्निंग वॉक करने आते हैं. इसी दौरान एक सियार वहां पहुंच गया और टहल रहे लोगों पर हमला कर दिया. सियार के हमले से वहां अफरा-तफरी मच गई. जबतब लोग कुछ समझ पाते सियार ने 7 से 8 लोगों को घायल कर दिया था. स्थानीय लोगों के द्वारा सभी को हजारीबाग सदर अस्पताल इलाज हेतु भेजा गया है. इस पूरे मामले पर पर्यावरणविद मुरारी सिंह ने बताया कि शहरीकरण के कारण इस तरह की घटनाएं अब हजारीबाग में भी देखने को मिलने लगी हैं. उन्होंने कहा कि सियार अमूमन लोगों के बीच में नहीं रहता है. वह रात में निकलता है. उसका ठिकाना झाड़ियों में और छोटे-मोटे जंगलों में होता है. शहरीकरण के कारण जंगल कट रहे हैं, जिस कारण उन्हें रिहायशी इलाकों में आना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि अमूमन सियार आदमियों को हानि नहीं पहुंचाता है अगर वह पागल हो गया हो तो हानि पहुंचा सकता है. वह अपने खाने की तलाश में भी शहरों की तरफ आ जाते हैं. इसको वन विभाग को ध्यान देना चाहिए ताकि वह जल्द से जल्द पकड़ में आ जाएं, नहीं तो वह और लोगों को भी घायल कर सकता है.