ओडिशा ट्रेन हादसे में 28 मृतकों की चिता की राख ठंडी भी नहीं हुई कि बक्सर ट्रेन एक्सीडेंट ने झकझोर कर रख दिया

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 ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसों में मरने वालों की राख अभी ठंडी ही नहीं हुई थी कि बक्सर ट्रेन एक्सीडेंट ने झकझोर कर रख दिया. बिहार के बक्सर में बुधवार (11 सितंबर) की देर रात दिल्ली से कामाख्या जा रही नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस ट्रेन हादसे का शिकार हो गई. यहां नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गए. इस घटना में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 लोग घायल बताए जा रहे हैं.  रेलवे ने यात्रियों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. पटना के लिए - 9771449971, दानापुर के लिए - 8905697493, एआरए के लिए - 8306182542 और सीओएमएल सीएनएल के लिए - 7759070004.नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस हादसे के बाद भारतीय रेलवे ने 10 ट्रेनों को रद्द कर दिया और 21 ट्रेनों के मार्ग परिवर्तित कर दिए गए हैं. रेलवे की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, इस हादसे में 4 लोगों की मौत हुई है, तो वहीं 30 लोग घायल हुए हैं. केंद्र सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा, जबकि घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे. वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी हादसे में मरने वाले लोगों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.बता दें कि बालासोर जिले में हुए भीषण रेल हादसे के चार महीने बाद भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) ने 28 अज्ञात शवों की अंत्येष्टि प्रक्रिया बुधवार (11 अक्टूबर) को पूरी की थी. हादसे के 4 महीने बीत जाने के बाद भी इन शवों के लिए किसी ने दावा नहीं किया था. जिसके बाद भुवनेश्वर नगर निगम ने इस शवों को अज्ञात मानकर इनका अंतिम संस्कार कर दिया. इस दौरान CBI के अधिकारी भी मौजूद रहे. AIIMS भुवनेश्वर ने नगर निगम को सभी डेड बॉडी डिस्पोज करने की जिम्मेदारी दी थी.BMC की मेयर सुलोचना दास ने बताया कि इन शवों को पिछले चार महीने से डीप फ्रीजर में रखे-रखे बर्फ में तब्दील हो गए थे. पहचान करना मुश्किल था कि शव महिला का है या पुरुष का. शवों को मुखाग्नि देने और बाद में फूल चुनने के लिए एक NGO की मदद ली गई थी. बता दें कि इसी साल 2 जून को बालासोर में 3 ट्रेनों की टक्कर में 297 लोगों की मौत हुई थी. इसमें 269 शवों को उनके घरवाले ले गए. कई लोगों की पहचान DNA टेस्ट के आधार पर की गई. हालांकि, जून से 28 शव AIIMS में ही रखे हुए थे.

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