उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में हुए भूस्खलन के बाद फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन तीसरे दिन भी जारी है. रेस्क्यू ऑपरेशन में जुड़े अधिकारियों ने ऑगर ड्रिलिंग मशीन बुलाई है, जो मलबे को भेदकर 900 मिमी स्टील पाइप को अंदर डालेगी. जिससे मजदूरों को निकालने के लिए वैकल्पिक रास्ता तैयार हो सके. माना जा रहा है कि इसमें भी 24 घंटे से अधिक का समय लग सकता है. इस टनल में बिहार और झारखण्ड के भी कई मजदुर फंसे हुए हैं. जानकारी के मुताबिक इस टनल के अंदर फंसे 40 मजदूरों में बिहार के 4 तो झारखंड 6 मजदूर शामिल हैं. बिहार के तीन मजदूरों की पहचान सोनू शाह, सुशील कुमार और वीरेन्द्र किसकू के रूप में हुई है. सरकार की तरफ से जारी लिस्ट के मुताबिक, सोनू शाह मूल रूप से बिहर में साहनी गांव का रहने वाला है. दूसरा मजदूर सुशील कुमार मूल रूप से चंदनपुर गांव का निवासी है. वहीं तीसरे मजदूर की पहचान वीरेन्द्र किसकू के रूप में हुई है. जो मूल रूप से बिहार में कटोरिया के तेतरिया गांव का रहने वाला है. चौथे मजदूर की पहचान करने का काम जारी है. उधर झारखंड सरकार ने भी अपने मजदूरों की पहचान कर ली है. झारखंड सरकार के द्वारा दी गई गई जानकारी के मुताबिक घाटशिला के आदिवासी बहुल डुमरिया प्रखंड के भी 6 मजदूर टनल के अन्दर फंसे हुए हैं. इनकी पहचान मानिकपुर ईचाड़ीह टोला के गुणाधर नायेक, रंजीत लोहार, रविन्द्र नायेक इसके अलावा बांकीशोल गांव के समीर नायेक, कुण्डालुका के भुक्तु मुर्मू और डुमरिया के टिन्कू सरदार के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि डुमरिया से लगभग 40 मजदूर वहां काम करने गये थे. कुछ दिन पहले 22 मजदूर घर वापस आ गए थे.
टनल में फंसे मजदूरों के परिजनों को इस घटना की सूचना उस वक्त मिली जब जी मिडिया की टीम इनके गांव पहुंची. परिजनों से जब मजदूरों के पहचान पत्र और फोटो मांगे गए तो पहले वो कुछ समझ नहीं पाए. हालांकि, जैसे ही उन्हें हादसे की सूचना मिली तो उनके होश उड़ गए. अब वो अपने स्वजनों की चिंता में बेहाल हो रहे हैं. परिजनों का कहना हैं कि हमें भगवान पर पूरा भरोसा हैं, सभी सलामत घर पहुंचेंगे. गांव के समाजसेवी और भाजपा मंडल अध्यक्ष ने बताया कि वह प्रशासन के साथ सम्पर्क बनाए हुए हैं और पल-पल की जानकारी लेने की कोशिश कर रहे हैं.उधर प्रधानमंत्री मोदी ने दूसरे दिन भी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि विभिन्न राज्य और केंद्रीय एजेंसियां परस्पर समन्वय और तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया और बचाव कार्यों पर लगातार नजर रखे हुए हैं. बचाव कार्य के लिए बड़े व्यास के ह्यूम पाइप हरिद्वार और देहरादून से भेजे जाने की व्यवस्था कर दी गई है.मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द बाहर निकलने की पूरी कोशिश की जा रही है. अब तक प्रधानमंत्री दो बार मुख्यमंत्री से स्थिति की जानकारी ले चुके हैं. केंद्रीय गृह मंत्री और रेल मंत्री भी सीएम धामी से बात कर चुके हैं. केंद्रीय एजेंसियां और एक्सपर्ट मौके पर मौजूद हैं. साथ ही, धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग में हुए भूस्खलन के अध्ययन व कारणों की जांच के लिए निदेशक उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की अध्यक्षता में एक समिति का गठित की गई है. समिति मलबे की मिट्टी/पत्थरों के नमूने प्राप्त कर जांच करेगी और सुरंग में भूस्खलन जोन के लम्बत ठीक ऊपरी सतह पर पहाड़ की स्थिति की भी जांच कर रिपोर्ट देगी.