रेलवे की व्यवस्था का हाल बुरा है। रेग्यूलर ट्रेनों की बात छोड़िए, अब तो स्पेशल ट्रेनों की बोगियों में भी अव्यवस्थाओं का आलम है। सामान्य ट्रेन से 30% अधिक किराया लेने के बावजूद स्पेशल ट्रेनों में न तो साफ-सफाई की जा रही है और न ही कंप्लेन करने पर कोई सुनवाई होती है। पुणे से हटिया आ रही स्पेशल ट्रेन की हालत ऐसी हो गई है कि पुणे से रायपुर पहुंचने तक एसी बोगी के यात्रियों के हौसले पस्त हो गए। जिस बेडशीट (चादर) और कंबल को यात्री ओढ़ते हैं, उन्हें बोगी की गैलरी में नीचे फेंक दिया गया। यात्री पैरों तले उन्हें रौंदकर आते-जाते रहे।