24 घंटे के अंदर अर्धसैन्य बल के दो जवानों ने खुद को गोलियों से उड़ाया, तीन साल में 17 ने दी जान

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रांची: झारखंड में अर्धसैनिक बलों के जवानों की खुदकुशी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. पिछले 24 घंटे के दौरान अर्धसैनिक बल के दो जवानों ने खुद को गोली मारकर जान ले ली. इस साल अब तक ऐसी सात घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जबकि पिछले तीन सालों में कम से कम 17 जवानों ने खुद की जिंदगियां खत्म कर ली हैं.

तनाव की वजह से जवानों के जान देने की घटनाओं से अर्धसैनिक बलों के शीर्ष अफसर भी चिंतित हैं. बुधवार दोपहर रांची जिले के खलारी थाना क्षेत्र के एनके एरिया स्थित सीआईएसएफ कैंप में एक जवान ने सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली. उसके साथी उसे तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले गये, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.मृतक जवान की पहचान बीएन वर्मा के रूप में हुई है. वह उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद के रहने वाले थे. घटना की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. इसके पहले मंगलवार को बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड अंतर्गत रहावन स्थित सीआरपीएफ के कैंप में 26वीं बटालियन के जवान रामबाबू राय ने अपनी ही रायफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.

रामबाबू झारखंड के रामगढ़ जिले के भदानी नगर के रहने वाले थे. नवंबर के आखिरी हफ्ते में गुमला के सीलम स्थित सीआरपीएफ 218 बटालियन के कैंप में भी सीआरपीएफ जवान संजय ने डयूटी के दौरान खुद को एके-47 से गोली मारकर सुसाइड कर लिया था. संजय हिमाचल प्रदेश के रहने वाले थे और 15 दिन की छुट्टियों से वापस ड्यूटी पर लौटे थे.19 अगस्त को लोहरदगा जिले के केकरांग सीआरपीएफ कैंप में जगदीश मीणा, जुलाई में पलामू में प्रांजल नाथ, जनवरी में चाईबासा के गोईलकेरा में अमित सिंह नामक जवान ने खुद को गोलियों से उड़ा लिया था. सीआरपीएफ में तैनात एक आईपीएस अफसर ने बताया कि ऐसी नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात जवानों में खुदकुशी की बढ़ती प्रवृत्ति पर रोक के लिए काउंसलिंग के लिए सेशन आयोजित किए जा रहे हैं.

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