लोकसभा से निष्कासन को चुनौती देने वाली याचिका पर महुआ मोइत्रा ने किया जल्द सुनवाई का अनुरोध, SC से मिला आश्वासन

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 Ranchi: प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता महुआ मोइत्रा के वकील को आश्वासन दिया कि वह लोकसभा से उनके (मोइत्रा के) निष्कासन को चुनौती देने वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने पर विचार करेंगे. वहीं, झारखंड से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने इस मामले में पक्षकार बनाने का अनुरोध करते हुए अदालत का रुख किया है. 

निशिकांत दुबे की शिकायत के बाद ही मोइत्रा का लोकसभा से निष्कासन हुआ था. लोकसभा में आचार समिति की रिपोर्ट को मंजूर किए जाने के बाद सोमवार को टीएमसी नेता को निष्कासित कर दिया गया. इसके विरोध में मोइत्रा ने शीर्ष अदालत का रुख किया है. इस रिपोर्ट में मोइत्रा को पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में अनैतिक एवं अशोभनीय आचरण का जिम्मेदार ठहराया गया था. निशिकांत दुबे ने शीर्ष अदालत में दायर अर्जी में कहा है कि चूंकि तत्काल याचिका की पूरी वजह उनके (दुबे) द्वारा 15 अक्टूबर, 2023 को की गई शिकायत से उत्पन्न हुई है, इसलिए, यह उचित और न्याय के हित में है कि उनको एक आवश्यक पक्षकार के रूप में शामिल किया जाए. 

प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने बुधवार को मोइत्रा की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी की दलीलों पर संज्ञान लिया. प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि दोपहर के भोजन के समय वह, याचिका सूचीबद्ध करने संबंधी पहलू पर गौर करेंगे. 

याचिका को बृहस्पतिवार या शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध करते हुए सिंघवी ने दलील दी कि, 'यह वह सदस्य हैं, जिन्हें लोकसभा से निष्कासित किया गया है.' प्रधान न्यायाधीश ने कहा, 'हो सकता है कि मामला पंजीकृत नहीं हुआ हो... अगर कोई ईमेल भेजा गया है, तो मैं तुरंत इसे देखूंगा. कृपया इसे भेजें.' 

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