रांची: झारखंड में हजारों आदिवासियों ने ईसाई और इस्लाम जैसे अन्य धर्मों को अपनाने वाले आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची से 'हटाने' की मांग को लेकर रांची स्थित मोरहाबादी मैदान में रविवार को एक रैली निकाली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) समर्थित वनवासी कल्याण केंद्र से संबद्ध जनजाति सुरक्षा मंच (जेएसएम) के बैनर तले क्रिसमस से एक दिन पहले 'उलगुलान आदिवासी उलगुलान महारैली' का आयोजन किया गया. राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए आदिवासियों ने पारंपरिक पोशाक पहनकर और धनुष, तीर, तलवार तथा दरांती जैसे हथियार लहराते हुए रैली में भाग लिया. रैली में पद्म विभूषण से सम्मानित और पूर्व केंद्रीय मंत्री करिया मुंडा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सांसद सुदर्शन भगत और राज्यसभा सदस्य समीर ओरांव, जेएसएम के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत और कई अन्य गणमान्य उपस्थित रहे. सुदर्शन भगत ने कार्यक्रम से इतर कहा, "रैली का मुख्य उद्देश्य उन आदिवासियों को सूची से हटाने की मांग करना था जिन्होंने अन्य धर्म अपना लिए हैं. उन्हें अनुसूचित जनजातियों को मिलने वाले आरक्षण के लाभ से वंचित किया जाना चाहिए. उनके पास वास्तविक आदिवासियों के लाभ लेने का कोई अधिकार नहीं है.”
समीर ओरांव ने कहा कि आदिवासियों को उनकी संस्कृति, आस्था और परंपरा की रक्षा करते हुए विकास के लिए सशक्त बनाने के लिए कई लाभ दिए गए हैं. उन्होंने कहा,''यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग अपनी संस्कृति, आस्था और परंपरा को त्याग कर ईसाई या मुसलमान बन गए हैं. ऐसे लोग आबादी का महज 20 प्रतिशत होंगे, लेकिन मूल आदिवासियों का 80 प्रतिशत लाभ छीन रहे हैं.''