आज तक बागेश्वर बाबा का कोई भी कार्यक्रम झारखंड में नहीं हो पाया है। हर बार किसी ना किसी वजह से प्रशासन की तरफ से कार्यक्रम की इजाजत नहीं मिलती है। इस बार मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। इस पूरे मामले पर खुद धीरेंद्र शास्त्री ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि "झारखंड में एक-दो बार कथा में अवरोध हुआ है। पलामू में कथा में अवरोध आ रहे हैं। यह मामला हाईकोर्ट में चल रहा है। निश्चित रूप से मैं यही कहूंगा कि वहां के प्रशासन को ये सदबुध्दि आए, ताकि जल्दी से झारखंड में राम कथा और भागवत कथा की जो अवरोध बना रहे हैं उसे दूर करें। वर्तमान समय में पूरे भारत में राममय क्रांति फैली है उसमें वह भी भागीदारी बनें। समुचे झारखंड के पागलों को यही कहना है कि करो दिव्य-भव्य तुम तैयारी, आ रहे हैं मुगदरधारी।"
क्या है मामला
बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट में बीते शुक्रवार को पलामू में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बाबा बागेश्वर धाम सरकार) के 10 से 15 फरवरी, 2024 के प्रस्तावित कार्यक्रम के संबंध में दाखिल हनुमंत कथा आयोजन समिति की याचिका पर सुनवाई हुई थी। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति आनंदा सेन की कोर्ट ने प्रार्थी कि उस हस्तक्षे याचिका को स्वीकार कर लिया जिसमें उसने 10 दिसंबर के पलामू डीसी के आदेश को चुनौती दी है। इसी आदेश में डीसी ने हनुमंत कथा आयोजन समिति द्वारा कार्यक्रम के संबंध में 3 जनवरी को दिए गए वृहत एक्शन प्लान को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने प्रार्थी की याचिका को स्वीकारते हुए उसे सोमवार तक फ्रेश पिटीशन दाखिल करने का निर्देश दिया है। अब इस मामले पर बुधवार को फाइनल सुनवाई होगी।
कोर्ट से चाहते हैं अनुमति
दरअसल पलामू डीसी ने कानून व्यवस्था की समस्या बताकर 10 जनवरी वाले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कार्यक्रम को रद्द कर दिया था। प्रार्थी ने कोर्ट को बताया था कि डीसी द्वारा कई कारणों से कार्यक्रम को रद्द किए जाने के बाद पंडित धीरेंद्र शास्त्री के पलामू में प्रस्तावित कार्यक्रम अब फरवरी 10 से 15 फरवरी 2024 निर्धारित है। यह कार्यक्रम अब रैयती भूमि पर होगा, वहां इकोलॉजिकल बैलेंस बिगड़ने जैसी कोई बात नहीं है। कार्यक्रम स्थल ग्राम ओरनार, चैनपुर ब्लॉक, पलामू में निर्धारित है. इसके लिए ग्राम सभा से अनुमति भी मिल गई है। प्रार्थी ने इस कार्यक्रम को लेकर पलामू डीसी से अनुमति दिलाने का आग्रह कोर्ट से किया। इससे पहले भी पलामू उपायुक्त ने कई कारण बताते हुए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पलामू के रजवाडीह में 10 दिसंबर से लेकर 12 दिसंबर तक कार्यक्रम को रद्द कर दिया था।
कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
पिछली सुनवाई में प्रार्थी के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि हनुमत कथा आयोजन समिति ने तीन जनवरी को पलामू के उपायुक्त को बाबा बागेश्वर धाम के कार्यक्रम को लेकर विस्तार से योजना की जानकारी दी थी। लेकिन पलामू उपायुक्त ने कानून व्यवस्था की समस्या बताकर कार्यक्रम को रद्द कर दिया। जिसपर उपायुक्त की ओर से बताया गया है कि कार्यक्रम में दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है, ऐसे में कार्यक्रम और पार्किंग व्यवस्था करना कठिन होगा। साथ ही कानून व्यवस्था की समस्या उत्पनन होगी। उपायुक्त द्वारा कार्यक्रम रद्द किए जाने पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बिगड़ने जैसी आशंका का क्या आधार है, इसे उपायुक्त ने स्पष्ट नहीं किया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि पिछली सुनवाई में राज्य सरकार को कुछ बिंदुओं पर जवाब देने का निर्देश दिया गया था। लेकिन सरकार ने जवाब दाखिल नहीं दिया है। दरअसल, पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को शपथ पत्र दाखिल कर बताने को कहा था कि पिछले 2 साल में झारखंड में कितने धार्मिक कार्यक्रमों को अनुमति दी गई और कितने कार्यक्रम को रद्द किया गया।