खूंटी: राहुल गांधी के द्वारा खूंटी में भारत जोड़ो न्याय यात्रा का रोड शो और पदयात्रा व लोगों से संवाद नहीं किये जाने से एक तरफ कांग्रेस कार्यकर्ता नाराज हैं. वहीं दूसरी ओर जनजातीय समाज में भी खासा नाराजगी देखने को मिल रही है. कार्यकर्ता अपने आपको ठगे जाने की बात सामने आ रही है. एक तो खूंटी में राहुल गांधी ने बिरसा मुंडा की धरती पर रोड शो भी नहीं किया तो दूसरा दिन पदयात्रा का जो कार्यक्रम था उससे भी निकल कर चले गये. खूंटी में कार्यक्रम नहीं करना या कार्यकर्ताओं से मुलाकात नहीं हो पाना इसका खूंटी वासियों में काफी मलाल है.लोग कह रहे हैं कि भगवान बिरसा मुंडा को और यहां के लोगों को तरजीह नहीं दिया गया. राहुल गांधी का भगवान बिरसा मुंडा की जन्मभूमि उलिहातू नहीं जाना व खूंटी में कार्यक्रम नहीं किये जाने से राजनीति सरगर्मी तेज हो गयी है।जनजातीय समाज के लोगों ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा और बिरसा की धरती का अपमान और उपेक्षा है. जिसके नाम पर जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है. उन जनजातीय लोगों के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी आए थे.इसपर अखिल भारतीय सरना समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष भीम सिंह मुंडा ने कहा कि बिरसा मुंडा की धरती पर आकर उनके जन्मभूमि उलिहातू का कार्यक्रम बनाने के बाद भी नहीं गये और न ही यहां के आदिवासियों से मिले.बिरसा मुंडा के प्रतिमा में माल्यार्पण करने के बाद सीधे सिमडेगा के लिए चले गए. इससे साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस में और राहुल गांधी में जनजातियों के प्रति कितना योजना और सोच है साफ जाहिर है. खूंटी के प्रखंड प्रमुख और जनजातीय समाज के नेता छोटे राय मुंडा ने बताया कि यह जनजातीय गौरव के प्रतीक का उपेक्षा है. अगर उलिहातू नहीं जाना था तो कार्यक्रम के बारे घोषणा भी नहीं करनी चाहिए थी. इससे साफ जाहिर होता है कि राहुल गांधी या कांग्रेस जनजातीय समुदाय का कितना हित चाहते हैं.