राजधानी रांची के नगड़ी में मां सरस्वती मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई हिंसा की आग अभी तक धधक रही है. पिस्का नगड़ी के देवरी स्थित प्रखंड कार्यालय के पीछे वाले मुहल्ले में देररात फिर से हिंसा भड़क उठी. शनिवार रात 10 बजे कुछ असमाजिक तत्वों ने दो घरों में पत्थरबाजी की और दो राउंड गोली चलाई. पथराव से दो घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. वहीं गोली का छर्रा लगने से एक महिला भी घायल हो गई है. हालांकि, पुलिस ने गोलीबारी की घटना की पुष्टि नहीं की है.
घटना को लेकर पीड़ित जमील अंसारी ने बताया कि वे लोग रात में खाना खाकर सो रहे थे, तभी अचानक घर के बगल में स्थित खेत की ओर से पत्थर चलने लगे. डर कर सभी परिवार के लोग घरों में ही दुबके रहे. जमील ने बताया कि उनकी पत्नी सकीना खातून जब बाहर देखने के लिए निकली तो उसके सिर में एक गोली का छर्रा आकर लगा, जिससे उसके सिर से खून बहने लगा. जमील अंसारी ने कहा कि पत्थरबाजों की संख्या 10 से 12 के करीब थी. रात के अंधेरे में वह किसी का चेहरा नहीं देख सके. पत्थरबाजों के जाने के बाद वह लोग घायल महिला को स्थानीय डॉक्टर के पास लेकर गए, जहां उसकी मरहम-पट्टी की गई.सुबह घटना की सूचना मिलने पर ग्रामीण एसपी मनीष टोप्पो पीड़ित के घर पहुंचे और मामले की जानकारी लेते हुए उनकी सुरक्षा के लिए वहां रात्रि में पुलिस गश्त लगातार करने का निर्देश दिया. पुलिस ने बताया कि मामले की जांच चल रही है. फिलहाल घटनास्थल से खोखा बरामद नहीं हुआ है. उधर घटना के बाद लोगों में दहशत है. बता दें कि नगड़ी में सरस्वती प्रतिमा विसर्जन के दौरान पथराव और गोलीबारी हुई थी. पुलिस ने इस घटना में अबतक 27 लोगों को हिरासत में लिया है. घटना के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के लोगों को बिठाकर शांति-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की थी.वहीं इस घटना के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है. वाम दल के नेताओं ने मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए सांप्रदायिक उन्माद के लिए RSS और बजरंग दल जैसे संगठनों को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा है कि यह पूरी घटना सुनियोजित थी. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के चलते योजनाबद्ध तरीके से ऐसे धार्मिक तनाव पैदा किए जा रहे हैं, ताकि राज्य में लोगों को धर्म के नाम पर बांटा जा सके. घटना के बाद सीपीएम के एक प्रतिनिधिमंडल ने पूरे इलाके का दौरा किया और नगड़ी ब्लॉक प्रमुख मधुवा कच्छप से पूरी स्थिति की जानकारी ली.