राजेश ठाकुर बोले-चुनावी बॉन्ड के जरिये कंपनियों को दिए गए फायदों पर जांच की जरूरत

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 Ranchi:  कांग्रेस की झारखंड इकाई ने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कंपनियों को दिए गए फायदों की गहन जांच की आवश्यकता पर बृहस्पतिवार को जोर दिया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा, 'केंद्र सरकार के तत्वावधान में चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कंपनियों को दिए गए लाभ का पता लगाने के लिए एक व्यापक जांच आवश्यक है.' 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने चुनावी बॉन्ड विवरण के खुलासे को लेकर अस्पष्टता पर चिंता जताते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को इस माध्यम से बड़ा लाभ हुआ है. उन्होंने कहा, 'भाजपा द्वारा इन विवरणों को छुपाने की कोशिशों से यह संदेह पैदा हो गया है कि वे प्राथमिक लाभार्थी हो सकते हैं.' 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आकंड़े किये सार्वजनिक

देश के उद्योगों तथा कुछ लोगों ने व्यक्तिगत स्तर पर 2019 से अब तक चुनावी बॉन्ड के जरिये राजनीतिक दलों को 1,27,69,08,93,000 रुपये दान में दे दिये. चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भारतीय स्टेट बैंक से प्राप्त आँकड़े गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक किये. इसके अनुसार, राजनीतिक दलों ने पाँच साल में कुल 20,421 चुनावी बॉन्ड भुनाये. इनमें 12,207 एक-एक करोड़ रुपये के; 5,366 बॉन्ड 10-10 लाख रुपये के; 2,526 एक-एक लाख रुपये के; 219 बॉन्ड 10-10 हजार रुपये के और 103 एक-एक हजार रुपये के थे.

सबसे ज्यादा 60,60,51,11,000 रुपये भाजपा की झोली में गये जो कुल राशि का लगभग आधा है. पार्टी ने एक करोड़ रुपये के 5,854 बॉन्ड और 10 लाख रुपये के 1,994 बॉन्ड भुनाये. उसने एक लाख और 10 हजार रुपये के अलावा 31 बॉन्ड एक-एक हजार रुपये के भी कैश कराये. दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस ने 16,09,50,14,000 रुपये के 3,275 चुनावी बॉन्ड भुनाये जिनमें 1.467 एक-एक करोड़ रुपये के और 1,384 बॉन्ड 10-10 लाख रुपये के थे. कांग्रेस ने 14,21,86,50,000 करोड़ रुपये के 3.141 चुनावी बॉन्ड भुनाये जिनमें 1.318 एक-एक करोड़ रुपये के और 958 बॉन्ड 10-10 लाख रुपये के थे.

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