सीता पर कल्पना सोरेन का पलटवार, कहा-झुकना झारखंड के लोगों के डीएनए में नहीं

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 Ranchi: झामुमो की तीन बार की विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन के पति के निधन के बाद अलगाव और उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ने तथा भाजपा में शामिल होने के एक दिन बाद, कल्पना सोरेन ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'झुकना झारखंड के लोगों के डीएनए में नहीं है'. सोशल मीडिया पर कल्पना सोरेन के पोस्ट से उनके और सीता के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया. 

सीता ने कहा कि लोगों को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता दुर्गा सोरेन के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाना बंद कर देना चाहिए. दुर्गा सोरेन का 2009 में निधन हो गया था. झामुमो को लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्तों पहले झटका देते हुए शिबू सोरेन की बड़ी पुत्रवधू सीता ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पति दुर्गा सोरेन के निधन के बाद उन्हें और उनके परिवार को उपेक्षित और अलग-थलग कर दिया गया. स्पष्ट तौर पर उन पर कटाक्ष करते हुए जेल में बंद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, “झारखंडी के डीएनए में नहीं है झुक जाना.” ऐसी अटकलें हैं कि कल्पना गांडेय सीट पर होने वाला उपचुनाव लड़ सकती हैं. 

यह सीट 31 दिसंबर को तत्कालीन झामुमो विधायक सरफराज अहमद के अचानक इस्तीफे के बाद खाली हो गई थी, जो बाद में 14 मार्च को राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए थे. गिरिडीह की गांडेय सीट पर संसदीय चुनाव के साथ 20 मई को उपचुनाव होगा. कल्पना का गिरिडीह में राजनीतिक रैलियों को संबोधित करने का कार्यक्रम है. उनकी पोस्ट में हेमंत सोरेन के मन में अपने दिवंगत भाई दुर्गा के प्रति गहरे सम्मान को रेखांकित किया गया है. 

वहीं, सीता सोरेन का भाजपा में शामिल होने का निर्णय झामुमो का मुख्य वोट आधार रहे अनुसूचित जनजाति के साथ उसके संबंध को बढ़ावा देने के पार्टी के प्रयासों के लिए एक झटका है. भाजपा ने कहा था, 'सीता को रावण की लंका से मुक्त कराया गया है.' 

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