दिल्ली से रांची लौटी कल्पना सोरेन, सियासी बयानबाजी ने बढ़ाया चुनावी पारा

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देश की राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान से केंद्र सरकार के खिलाफ हुंकार भरने के बाद कल्पना सोरेन 1 अप्रैल, 2024 दिन सोमवार को रांची लौट आईं. कल्पना सोरेन के रांची पहुंचकर भी हौसले बुलंद नजर आए. अब इस पर राज्य में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. विरोध कल्पना सोरेन को सीधे निशाने पर रखकर जुबानी अटैक कर रहे हैं. जेएएमएम और बीजेपी में जुबानी जंग शुरू हो गई है. वहीं, कांग्रेस जेएमएम का समर्थन कर रही है.

दरअसल, लोकसभा चुनाव में एनडीए के खिलाफ लोहा लेने के बुलंद हौसले से लबरेज़ कल्पना सोरेन ने कहा कि मैं कभी रामलीला मैदान नहीं गई थी और वहां जाने का यह मेरा पहला मौका था. उन्होंने कहा कि अपने आप को वो सौभाग्यशाली भी मानती है कि झारखंड की तरफ से मुख्यमंत्री के साथ-साथ उन्हें भी आमंत्रण मिला और अपनी बातों को रखने का और इंडिया गठबंधन को मजबूती देने की मौका मिला. वहीं, उन्होंने कहा कि 2024 में बदलाव दिखेगा और हम जरूर जीतेंगे.

वहीं, बीजेपी विधायक नवीन जायसवाल ने कल्पना सोरेन के साथ-साथ पूरे इंडिया गठबंधन पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि दिल्ली में जो गठबंधन एक मंच शेयर कर रहा था. वह भ्रष्टाचारियों का मंच है और कल्पना सोरेन के किसी हुंकार से जनता को कोई फर्क नहीं पड़ता है, क्योंकि जनता उनकी हकीकत जान चुकी है.

कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि जब बहू बेटी बनकर जनता और परिवार की सेवा में उतर जाती हैं, तो इससे यकीनन परिवार को मजबूती मिलती है. कल्पना सोरेन के राजनीति में कदम रखने से इंडिया गठबंधन का मान सम्मान बढ़ा ही है. साथ ही उत्साह में भी बढ़ोतरी हुई है, और दिल्ली में जो कल्पना सोरेन ने हुंकार भरी है वह बीजेपी को नेस्तोनाबूद करने के लिए काफी है.झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि कल्पना सोरेन हेमंत सोरेन की आवाज बन कर पूरे देश में घूम रहीं हैं और उनको लोग सुनना चाहते हैं, देखना चाहते हैं. उन्होंने मन से नारा दिया कि झारखंड झुकेगा नहीं. झारखंड झुकेगा नहीं किसी के सामने. हम अंग्रेजों से उसे वक्त से लड़ रहे हैं जब स्वतंत्रता का युद्ध भी नहीं शुरू हुआ था. झारखंडी लड़ना जानता है और प्रतिशोध में जल रहा है.

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