रांची: पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई एसएलपी (स्पेशल लीव पिटीशन) सोमवार को वापस ले ली. सोरेन ने हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें विधानसभा के सत्र में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई थी.
इसपर सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत और केवी विश्वनाथन की खंडपीठ में सुनवाई शुरू होते ही हेमंत सोरेन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अधिवक्ता प्रज्ञा सिंह बघेल ने याचिका वापस लेने का अनुरोध किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. हेमंत सोरेन मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में पिछले 62 दिनों से न्यायिक हिरासत में हैं. इस मामले में उनके खिलाफ ईडी ने चार्जशीट भी दायर कर दी है.
उन्होंने पिछले महीने आयोजित झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में भाग लेने की अनुमति के लिए रांची के पीएमएलए कोर्ट में अर्जी लगाई थी, लेकिन यह खारिज हो गई थी. इसके बाद वह हाईकोर्ट पहुंचे थे, लेकिन वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली थी.बता दें कि हेमंत सोरेन को ED ने 31 जनवरी को मनी लॉड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था. उन्होंने 23 फरवरी से 2 मार्च को समाप्त हुए विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने देने के लिए Jharkhand HC से अनुमति मांगी थी. हालांकि कोर्ट ने 28 फरवरी को उनकी इस याचिका को ख़ारिज कर दिया था.
उससे पहले रांची की एक विशेष अदालत ने 22 फरवरी को हेमंत सोरेन को विधानसभा सत्र में भाग लेने की अनुमति नहीं दी थी. गौरतलब है कि हाल में ही पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विरुद्ध ईडी ने रांची स्थित विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की है.