झारखंड हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हेमंत, गिरफ्तारी को बताया गलत

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  रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भूमि घोटाले के आरोपों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा उनकी याचिका को खारिज करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सोमवार को सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया. उन्होंने पीठ से याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने का आग्रह किया.

सिब्बल ने मांग की कि राज्य में 13 मई को होने वाले चुनाव को ध्यान में रखते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता को रिहा किया जाए. सीजेआई चंद्रचूड़ ने सिब्बल से कहा कि वह मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने पर विचार करेंगे. तीन मई को झारखंड उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली सोरेन की याचिका खारिज कर दी. उच्च न्यायालय ने कहा कि उपलब्ध दस्तावेजों के मुताबिक यह मानना संभव नहीं है कि ईडी ने याचिकाकर्ता के खिलाफ बिना किसी कारण के कार्रवाई की है.

कपिल सिब्‍बल ने कहा कि 13 मई से झारखंड में वोटिंग (Lok Sabha Election 2024) शुरू होने वाली है और इस दरमियान हेमंत सोरेन को अपनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने की अनुमति दी जानी चाहिए. 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद 4 फरवरी को हमने हाई कोर्ट का रुख किया. 28 फरवरी को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन उसे सुनाया नहीं. फैसले को उच्च न्यायालय ने लंबे समय तक लंबित रखा. वहीं न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने दायर याचिका पर कहा कि इस अनुरोध पर गौर फरमाया जाएगा और अब 7 मई को अंतरिम जमानत के लिए हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई होगी.

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