झारखंड में 70 फीसदी प्रत्याशी NOTA से हारे, 88 % प्रत्याशियों की जमानत जब्त

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 रांची: झारखंड में लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरे 70 फीसदी प्रत्याशी नोटा (नन ऑफ द एबव) से पराजित हो गए हैं. चुनाव में 88.11 फीसदी प्रत्याशी अपनी जमानत बचाने में नाकाम रहे. बुधवार शाम राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार की ओर से उपलब्ध कराए गए फाइनल आंकड़ों के मुताबिक राज्य की 14 लोकसभा सीटों के लिए कुल 244 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे थे. इनमें से 171 को नोटा की तुलना में कम वोट मिले हैं. जमानत नहीं बचा पाने वाले प्रत्याशियों की संख्या 215 है.राज्य में 1.72 करोड़ से भी ज्यादा मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया. इनमें से 1.92 लाख से भी ज्यादा मतदाताओं ने किसी भी प्रत्याशी को वोट देने की बजाय नोटा का बटन दबाना पसंद किया. इस प्रकार कुल मतदान का करीब 1.12 प्रतिशत हिस्सा नोटा के पक्ष में गया है. नोटा का सबसे ज्यादा इस्तेमाल कोडरमा लोकसभा सीट के मतदाताओं ने किया. यहां 42,152 मतदाताओं ने नोटा के जरिए सभी प्रत्याशियों के प्रति अपनी नापसंदगी का इजहार किया. ऐसे मतदाताओं का आंकड़ा 3.08 फीसदी रहा. यहां जीत दर्ज करने वाली भाजपा की अन्नपूर्णा देवी और दूसरे स्थान पर सीपीआई एमएल के विनोद कुमार सिंह को छोड़ 13 प्रत्याशी नोटा से हार गए.सिंहभूम में कुल 23,982 मतदाता नोटा के साथ गए हैं. इनका आंकड़ा 2.38 फीसदी रहा है. इस सीट पर कुल 14 प्रत्याशी थे. इनमें से 11 को नोटा से शिकस्त खानी पड़ी. खूंटी में वोट डालने वालों में कुल 2.34 फीसदी यानी 21,919 वोटर ऐसे रहे, जिन्होंने नोटा का विकल्प चुना. इस सीट पर सात प्रत्याशी थे. इनमें से विजेता कांग्रेस के काली चरण मुंडा और दूसरे नंबर पर रहे केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को छोड़ बाकी पांच प्रत्याशियों को नोटा से कम संख्या में वोट मिले. पलामू में 1.75 फीसदी मतदाताओं ने नोटा पर बटन दबाया. इनकी कुल संख्या 23,343 रही.राजमहल सीट पर कुल 18,217 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना और इनका प्रतिशत 1.5 रहा. इसी तरह लोहरदगा सीट पर 11,384 मतदाताओं ने नोटा के साथ जाना बेहतर समझा और इनका प्रतिशत 1.18 रहा. अन्य सीटों पर एक प्रतिशत से कम लोगों ने नोटा चुना. चतरा में 22 में से 14, धनबाद में 25 में से 19, दुमका में 19 में से 9, गिरिडीह में 16 में 8, गोड्डा में 19 में से 10, हजारीबाग में 17 में 11, जमशेदपुर में 25 में से 21, लोहरदगा में 15 में से 11, पलामू में 9 में 6, राजमहल में 14 में 10, रांची में 27 में से 23 और सिंहभूम में 14 में से 11 प्रत्याशियों को नोटा से भी कम संख्या में वोट मिले हैं.

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