रांचीः राजधानी रांची पुलिस ने 8 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार ओरमांझी गैंगरेप के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. सामुहिक दुष्कर्म के आरोपियों को न पीड़िता पहचानती थी और न ही जिस कार से उसे अगवा किया गया था उसे वह पहचानती थी. ऐसे में इस ब्लाइंड केस को सुलझाना पुलिस के लिए काफी कठिन था. लेकिन रांची पुलिस ने इस केस को सुलझा ही लिया है.नाबालिग के साथ हुए गैंगरेप मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस पर भारी दबाव था. एसएसपी खुद मामले को लेकर मॉनिटरिंग कर रहे थे, ताकि ब्लाइंड दुष्कर्म के केस को सुलझाया जा सके. ओरमांझी में हुए गैंगरेप के आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए रांची पुलिस की पूरी टीम ने काफी मेहनत की है. गिरफ्तार दोनों आरोपी ओरमांझी के ही रहने वाले हैं और टैक्सी ड्राइवर हैं. इसके लिए रांची पुलिस की टीम ने 400 टैक्सी वाहनों का सत्यापन किया. रांची के 100 से ज्यादा सीसीटीवी स्क्रीन के 25 घंटे से ज्यादा के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया, तब जाकर जिस कार से पीड़िता को अगवा कर रेप किया गया उसका पता चला.सामूहिक दुष्कर्म के दोनों आरोपी सुबोध कुमार जायसवाल और हीरालाल महतो दोनों ही टैक्सी ड्राइवर हैं. दोनों लगभग हर दिन पैसा देकर किसी न किसी लड़की को बुलाते थे. 18 जून की रात दोनों ओरमांझी इलाके में घूम रहे थे, इस दौरान दोनों शराब लेने के लिए ओरमांझी के पंचायत सचिवालय के पास पहुंचे, उस समय वहां पर नाबालिग सोई हुई थी.
इस दौरान नाबालिग को अकेला देखकर दोनों की नियत खराब हो गई, जिसके बाद दोनों ने नाबालिग को सोए हुए हाल में ही अपनी कार में बिठा लिया और रात में चार बार उसके साथ दुष्कर्म किया. सामुहिक दुष्कर्म के बाद लड़की को दोनों ने वापस वहीं छोड़ दिया, जहां से उसे उठाया था.