आलमगीर आलम ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा, कांग्रेस विधायक दल के नेता का भी पद छोड़ा, घर में मिले थे नोटों के पहाड़

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 रांचीः झारखंड कैशकांड व टेंडर कमीशन घोटाले मामले में रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद आलमगीर आलम ने झारखंड सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके साथ ही साथ उन्होंने कांग्रेस विधायक दल के भी पद से इस्तीफा दे दिया है. मिली जानकारी के अनुसार, जेल प्रशासन के माध्यम से उन्होंने सीएम चंपई सोरेन को अपना त्यागपत्र सौंपा है. 

जेल प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को सौंपा त्यागपत्र 
एक पत्र उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को प्रेषित किया है. जेल मैनुअल के हिसाब से जेल प्रशासन के माध्यम से उन्होंने अपना त्यागपत्र मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को दिया है. गौरतलब है कि 7 जून 2024 को मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने मंत्री आलमगीर आलम से तमाम विभाग वापस ले लिए थे और अपने पास ही उनके सभी विभाग रखे है. चंपई सोरेन की सरकार में आलमगीर आलम ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य, ग्रामीण कार्य और पंचायती राज मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे थे. उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना सीएलपी लीडर पद से इस्तीफा का पत्र भेजा है.

ईडी ने मंत्री आलमगीर आलम को 15 मई 2024 को गिरफ्तार किया था
ईडी ने पूछताछ के बाद ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को 15 मई 2024 को गिरफ्तार कर लिया था. उनके पीएस संजीव लाल और उनके नौकर के घर छापेमारी के दौरान ईडी की टीम ने भारी मात्रा में नकदी बरामद किया था. इससे पहले 6 मई 2024 को प्रवर्तन निदेशालय ने मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव और झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संजीव लाल के घरेलू नौकर जहांगीर आलम के घर छापेमारी में करीब 35 करोड़ रुपए बरामद किए थे. इस छापेमारी के बाद संजीव लाल और जहांगीर आलम की भी गिरफ्तारी हुई थी. इसी के बाद मंत्री को समन भेजा गया था.

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