लोकसभा चुनाव बीतते ही झारखंड में विधानसभा इलेक्शन का रण सजने लगा है और सभी दलों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. प्रदेश में सत्ताधारी इंडिया ब्लॉक को पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी और विधायक कल्पना सोरेन से काफी उम्मीदे हैं. हेमंत के जेल जाने पर कल्पना ने ही लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारी उठाई थी और एनडीए को कड़ी टक्कर दी. लोकसभा चुनाव के अच्छे नतीजे से JMM उत्साहित हैं. कल्पना सोरेन इसे एक पड़ाव मान रही हैं. उनका कहना है कि असली परीक्षा को विधानसभा चुनाव है. कल्पना सोरेन ने पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि समय बहुत कम है और काम बहुत ज्यादा, इसलिए सभी कार्यकर्ता विधानसभा चुनाव में जुट जाएं.कल्पना के भविष्य को लेकर बयानबाजी भी खूब हो रही है. बीजेपी का कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान कल्पना सोरेन पहली बार लोगों के बीच आईं थीं तो जनता उनकी बातों में आ गई, लेकिन अब लोग चीजें समझ गए हैं. बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शहदेव ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हमने 50 से ज्यादा विधानसभा सीटें जीती हैं, जबकि महागठबंधन ने 28 से 29 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है. उन्होंने कहा कि इससे साफ होता है कि विधानसभा चुनाव में क्या परिणाम होने जा रहा है.उधर झारखंड मुक्ति मोर्चा का अलग ही दावा है. जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि जिस तरह से लोकसभा चुनाव में परिणाम आए हैं, उससे चीजें साफ हो गई हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी को लगा था कि आदिवासी मुख्यमंत्री को जेल में डालने से वह चुनाव जीतेंगे, लेकिन कल्पना सोरेन ने मोर्चा संभाल और पूरी मजबूती के साथ लोकसभा चुनाव लड़ा. उन्होंने कहा कि प्रदेश के साथ-साथ दिल्ली में भी इसकी गूंज पहुंची है. विधानसभा चुनाव में भी इसका परिणाम साफ तौर पर दिखाई देगा.उधर कांग्रेस को भी कल्पना सोरेन पर पूरा भरोसा है. कांग्रेस प्रवक्ता कुमार राजा ने कहा कि 2019 में सरकार बनने के बाद से ही बीजेपी ने हमेशा सरकार गिराने की साजिश रची है. बीजेपी ने एक आदिवासी मुख्यमंत्री को जेल भेजने का काम किया है, लेकिन कल्पना सोरेन के आने से महागठबंधन को मजबूती मिली है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कल्पना सोरेन ने जहां-जहां प्रचार किया था, वहां उन्हें जनता का अपार समर्थन मिला. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे यह बातें स्पष्ट करते हैं और यही विधानसभा चुनाव में भी दिखाई देने जा रहा है.