कैमूरः कहने को बिहार में सुशासन की सरकार है, लेकिन अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए हैं. एक बार फिर जंगल राज की याद ताजा हो रही है. कैमूर जिले के कुदरा शहर में भभुआ रोड में स्थित शिव चौक के पास सिलवट बेचने वाले एक परिवार रेलवे ओवरब्रिज के नीचे पिछले 35 सालों से रहकर जीवीके प्रजनन कर रहा है. उसका डेढ़ साल का बच्चा रुद्र 14 जून को बगल में खेल रहा था. तभी एक ग्राहक को सिलवट दिखाने के लिए उसकी मां चली गई, तभी बाइक सवार दो अपराधी आए और डेढ़ साल के बेटे को बाइक पर जबरन बैठा कर दिनदहाड़े लेकर भाग निकले. लोगों ने इसकी जानकारी कुदरा पुलिस को दी. पुलिस अपराधियों को पकड़ने के नाम पर औपचारिकता निभा कर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कहा. जब रुद्र के पिता ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया तो आज घटना के 20 दिन बीत चुके है. लेकिन, पुलिस के हाथ अभी भी खाली है. जबकि घटना का सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के हाथ लग चुका है. उसके बाद भी न्याय पीड़ित परिवार को नहीं मिल रहा. पीड़ित परिवार ने कुदरा थाना से ना उम्मीद होकर कैमूर एसपी से मुलाकात की. वहां भी जब उम्मीद नहीं दिखा तो जिले में आ रहे मंत्री की सूचना मिलते ही मंत्री से मिलकर बच्चे की बरामदगी करने को लेकर गुहार लगा रहे हैं.जानकारी देते हुए बच्चे की मां बेबी और उसके पिता जितेंद्र कुमार ने बताया कि बीते 14 जून को दिन के 12:00 बजे मेरी पत्नी रेलवे ओवरब्रिज के नीचे एक ग्राहक को सिलवट दिखाने चली गई और वहीं बगल में मेरा डेढ़ साल का बेटा रूद्र खेल रहा था और मैं ग्रामीण इलाकों में कपड़ा बेचने गया था. तभी पता चला बाइक सवार दो अपराधी दोपहर 12:00 बजे आए और मेरे बेटे रूद्र को बाइक पर बैठा कर ले भागे. मेरी पत्नी ने कुछ दूर पीछा भी किया, लेकिन अपराधी भाग निकले. पुलिस खोजने के नाम पर औपचारिकता निभा कर चली गई. आज 20 दिन बीत गए लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. मैं मंत्री से मिलने के लिए यहां पर आया हूं, जिससे की पुलिस मेरे बच्चे को बरामद कर हम हमारे पास पहुंचा दे.
भभुआ मुख्यालय डीएसपी गजेंद्र कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि कुदरा थाना में 14 जून को बच्चे के अपहरण का मामला दर्ज हुआ है. जिसमें पुलिस मामले दर्ज कर सीसीटीवी फुटेज खंगाली है. एसआईटी का गठन कर दिया गया है. जल्द ही अपराधी को पकड़ लिया जाएगा. पुलिस अपना काम कर रही है.