झारखंड में इसी साल के आखिरी तक विधानसभा चुनाव होने हैं. सभी दलों ने चुनाव के लिए कमर कस ली है और सत्तापक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है. चुनाव लड़ने के लिए सबके अपने-अपने दावे और मुद्दे हैं. दोनों गठबंधनों का दावा है कि इस बार प्रदेश में उनकी सरकार बन रही है. वहीं रांची जिले की हटिया विधानसभा सीट की बात की जाए, तो इस बार यहां कांटे की टक्कर है. रांची का सबसे बड़ा आद्योगिक क्षेत्र हटिया विधानसभा में ही आता है. लिहाजा बिजली, पानी, शिक्षा और सड़क यहां के बड़े मुद्दे हैं. इस सीट का चुनावी इतिहास बड़ा दिलचस्प है.
इस सीट के जातीय समीकरण
हटिया सामान्य सीट है, लेकिन राजनीतिक दलों का जातीय फैक्टर सेट करने पर पूरा ध्यान रहता है. इस सीट पर अनुसूचित जाति आबादी 3.51% और अनुसूचित जनजाति आबादी 55.7% है. तो वहीं 16% मुस्लिम वोटर्स हैं. बता दें कि यह विधानसभा सीट रांची जिले में स्थित है और रांची की साक्षरता दर 77.13% है. 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कुल 4 लाख 46 हजार 372 वोटर थे, जिनमें से पुरुष मतदाताओं की संख्या 2 लाख 30 हजार 871 तो वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 2 लाख 15 हजार 478 थी. थर्ड जेंडर के 23 वोटर थे.
2019 में नवीन ने खिलाया था कमल
2019 में नवीन जायसवाल ने यहां पहली बार बीजेपी का कमल खिलाया था. बीजेपी की टिकट पर नवीन जायसवाल ने कांग्रेस के अजय नाथ सहदेव को 16 हजार 264 वोटों के मार्जिन से हराया था. नवीन जायसवाल को 46.12 फीसदी तो कांग्रेस के अजय नाथ शहदेव को 39.62 प्रतिशत वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर सीपीएम के सुभाष मुंडा थे. उन्हें 5.68 फीसदी वोट मिले थे.