रांची---पश्चिम बंगाल की तरह झारखंड में CBI, ED की डायरेक्ट एंट्री बंद करने के लिये कार्यपालिका नियमावली में बदलाव किया गया है। सरकार की अनुमति के बिना केंद्रीय जांच एजेंसी सीधे कार्रवाई नहीं कर सकती है। हेमंत सरकार ने झारखंड कार्यपालिका नियमावली 2000 में बड़ा बदलाव करते हुये यह प्रावधान किया है। कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुये मंत्रिमंडल ने झारखंड के कार्यदायित्व के रुप में DSP Act की धारा 5 एवं 6 के मामलों को छोड़कर सभी केन्द्रीय एजेंसी से संबंधित मामले सम्मिलित किये जाने की स्वीकृति दी गई। इस बदलाव के बाद सियासी बहस शुरू हो गई है। भाजपा नेता प्रदीप सिन्हा ने मीडिया को बताया कि यह फैसला केन्द्रीय एजेंसी के पांव में बेड़ी लगाने जैसा है। यह फैसला भ्रष्ट सरकारी मुलाजिमों को बढ़ावा देने जैसा होगा। वहीं झामुमो के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने मीडिया से कहा कि केन्द्रीय एजेंसी कैसे काम करती है, अब यह किसी से छुपा नहीं। निर्दोष CM हेमंत सोरेन को पांच महीनों तक जेल में रहना पड़ा। कोर्ट तक ने इसपर टिप्पणी की है। झारखंड में केंद्रीय एजेंसी का दुरूपयोग हो रहा है।