भाई-बहन के स्नेह प्यार का पर्व कर्मा (करमा पूजा) बीते दिन 14 सितंबर को हर्षो उल्लास के साथ झारखण्ड वासियों ने मनाया। करमा पुजा झारखण्ड के खास पर्व त्योहार में से एक है, आदिवासी समुदाय इसे काफी हर्षो उल्लास के साथ मनाते है, करमा पुजा में बहन अपने भाई की लम्बी उम्र एवं अच्छे स्वास्थ्य की कामना हेतु उपवास रखती है, यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते में प्यार और स्नेह को बढता है। झारखण्ड सरना मसना विकास समिति, रांची द्वारा करम टोली स्थित धुमकडिया में करम मिलन समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि सेवानिवृत, विशेष सचिव, झारखण्ड सरकार, श्री मेधु बडाईक (भा.प्रा.से.) रहे।
मुख्य अतिथि श्री बडाईक ने कहा की इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समाज की नई पीढी को हमारी संस्कृति, सभ्यता, नृत्य से अवगत कराना एवं अपने बडे बुजुर्ग का आर्शीवाद प्राप्त करना होता है। इस तरह का आयोजन आदिवासी समाज में निरंतर होते आ रहा है यह काफी सराहनीय कार्य है, इससे आने वाली पीढ़ी हमारी संस्कृति-सभ्यता से अवगत होगी साथ ही समाज में मेल जोल बढेगा।
इस अवसर पर झारखण्ड सरना मसना विकास समिति के अध्यक्ष श्री माधो उरॉव, सचिव श्री नन्दा लकडा, सदस्य बैधनाथ उरॉव, पशुपति कच्यप, श्री कर्मा होरा, श्री पंचम मुण्डा, श्री कर्मा जी के साथ अन्य सदस्य एवं काफी संख्या में आदिवासी समुदाय उपस्थित थे।