बिहार में अभी फर्जी IPS के पकड़े जाने के चर्चे चल ही रही थी कि अब कैमूर जिले में नकली दरोगा पकड़ा गया है. पुलिस ने नकली दरोगा के साथ उसके दो साथियों को भी गिरफ्तार किया है. यह लोग हाटा बाजार के दुकानदारों से पैसे की उगाही कर रहे थे. नकली दारोगा के साथ एक फर्जी सिपाही और ड्राइवर को भी अरेस्ट किया गया है. पुलिस ने इनके पास से चार मोबाइल, रस्सी लगी हथकड़ी और 22 हजार रुपए की नकदी बरामद की है. पुलिस के मुताबिक, सभी आरोपी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. नकली दारोगा का नाम त्रिलोकी चौहान उर्फ संजय चौहान है, जो कि बनारस के रामनगर का रहने वाला है. ये गिरोह शराबबंदी का डर दिखाकर लोगों से पैसे ऐंठता था.
पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह ने मंगलवार (24 सितंबर) की शाम को एक युवक को किडनैप कर लिया था और उससे 42 हजार रुपए ऐंठ लिए. परिजनों की सूचना पर पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के जरिए तीनों को धर दबोचा. आरोपी ने बताया कि पहले वो बनारस में सिक्योरिटी गार्ड का काम करता था. जब फर्जीवाड़ा करने लगा तो कंपनी ने उसे निकाल दिया. फिर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करना शुरू कर दिया. तीनों आरोपी कर्मनाशा में किराए के मकान में रह रहे थे. वह लोगों को शराबबंदी के केस में फंसाने के नाम पर धोखाधड़ी करते थे.
नकली दरोगा पकड़े जाने से इस बात की चर्चा हो रही है की बिहार में अब कौन-कौन से फर्जी अधिकारी पकड़े जाएंगे. इससे पहले कैमूर पुलिस ने फर्जी डीटीओ को भी पकड़ा था. वहीं जमुई पुलिस ने हाल ही में एक फर्जी IPS अधिकारी को पकड़ा था. फर्जी IPS बनकर घूम रहे युवक की पहचान लखीसराय जिले के हलसी इलाके गोवर्धनबीघा निवासी मिथलेश मांझी के रूप में हुई थी. उसने बताया था कि किसी मनोज सिंह नामक शख्स ने 2 लाख रुपये लेकर उसे आईपीएस अधिकारी बनाया है. युवक ने बताया था कि मनोज सिंह ने रुपये लेने के बाद उसके शरीर का नाप लिया और आईपीएस की वर्दी, आईपीएस का बैच और एक पिस्टल थमा कर कहा कि आज से तुम आईपीएस अधिकारी बन गए हो. उसने जल्द ही पोस्टिंग मिलने की बात कही थी.