झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 से पहले जेडीयू नेता और पूर्व मंत्री सरयू राय की मुसीबतें फिर से बढ़ती नजर आ रही हैं. उनके खिलाफ अरगोड़ा थाने में एक और केस दर्ज हो गया है. जानकारी के मुताबिक, आहार पत्रिका प्रकाशन में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया गया है. इस केस में सरयू राय पर 3.38 करोड़ की राशि के अनुचित लाभ का आरोप है. अरगोड़ा निवासी मनोज सिंह ने प्राथमिकी दर्ज करवाया है. FIR में खाद्य बुलेटिन आहार पत्रिका में 2017 से 2019 की अवधि में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है. आवेदन में कहा गया कि विभिन्न मदों में अक्टूबर 2017 से मार्च 2019 तक की अवधि में वित्तीय अनिमितता बरती गई.इस मामले में सरयू राय पर अवैध तरीके से 3 करोड़ 38 लाख 26 हजार 473 रूपये का अनुचित लाभ प्राप्त करने/कराने और सार्वजनिक कर्तव्यों का अनुचित रूपे से निर्वहन का आरोप लगाया गया है. आवेदन में कहा गया कि सरयू राय ने आम जनता में अधिकारों के प्रति जागरुकता लाने के नाम पर प्रत्येक माह खाद्य बुलेटिन 'आहार' के मुद्रण, प्रकाशन और वितरण का अनावश्यक कार्य शुरू किया. बता दें कि सरयू राय पर इससे पहले भी रांची के डोरंडा थाने में पहले भी एक FIR दर्ज की गई थी. इस प्राथमिकी मामले का एमपी-एमएलए कोर्ट ने पहले ही संज्ञान लेते हुए सरयू राय को नोटिस जारी किया था. इस मामले में 13 सितंबर को सुनवाई होनी है.
FIR में सरयू राय के साथ-साथ उनके निजी सहायक और आहार पत्रिका के कार्यकारी संपादक रहे आनंद कुमार और धनबाद के तत्कालीन प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी सुनील शंकर, बाबा कंप्यूटर्स के मालिक रितेश गुप्ता और जेपीपीएल के निदेशक को नामजद आरोपी बनाया गया है. सरयू राय पर आरोप है कि उन्होंने घोटाला कर मामले को दबाने की मंशा से अपने करीबी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी सुनील शंकर को रिटायर होने से कुछ दिन पहले धनबाद में तैनात किया था. मनोज सिंह ने आरोप लगाया है कि बाबा कम्प्यूटर्स से भी सरयू राय पहले से जुड़े हुए थे. वर्ष 2016 में खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा अनधिकृत रूप से टेलीफोन के माध्यम से लाभुकों तक विभागीय संवाद पहुंचाने के लिए बाबा कम्प्यूटर्स को काम दिया गया था. एक कॉल का रेट 10 पैसा है, लेकिन बाबा कम्प्यूटर्स के माध्यम से एक कॉल का दर 81 पैसा निर्धारित किया गया.