रिम्स छात्रों और होमगार्ड के बीच 27 अगस्त को हुई घटना पर जांच समिति ने सोमवार को रिपोर्ट जारी की गई. जिसमे 30 अगस्त को जांच समिति के सदस्यों (आमंत्रित सदस्य के रूप में उप डीन के साथ) की उपस्थिति में बैठक की बात भी कही गई. उस बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई और दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए गए. सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से तथ्यों पर सहमति व्यक्त की.
1. स्टेडियम का गेट बंद होने की वजह मामले की शुरुआत हुई. एमबीबीएस छात्रा ने मोबाइल में अपना आईडी कार्ड दिखाया, लेकिन ड्यूटी पर मौजूद होमगार्ड के जवान उसे मानने को तैयार नहीं हुए. बहस के बाद छात्रा स्टेडियम में घुस गई और 30 मिनट तक घूमती रही, जहां बाहरी लोग भी मौजूद थे। जब उसने स्टेडियम से बाहर निकलने की कोशिश की, तो पाया कि गेट बाहर से बंद था जिस वजह से वह घबरा गई.
2. दोनों पक्षों की ओर से अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया, जिससे संस्थान की छवि प्रभावित हुई है. दोनों पक्षों को अभद्र भाषा का प्रयोग करने से बचना चाहिए. वीडियो में दोनों पक्षों की ओर से धक्का-मुक्की दिखाई दे रही है.
3. समिति को साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत वीडियो रिकॉर्डिंग में घटना के दिन (सूचित समयानुसार रात्रि 10 बजे) बड़ी संख्या में गार्ड बैडमिंटन कोर्ट से बाहर निकलते दिखाई दे रहे हैं, जब की उस समय वहां केवल कुछ छात्र ही दिखाई दे रहे थे. इस घटना के बाद दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हो गई. वहीं वीडियो के माध्यम से चिन्हित किए गए लगभग 20 जवानों को तत्काल प्रभाव से रिम्स परिसर से हटा दिया गया है.
4. मारपीट में दोनों पक्ष घायल हुए है, समिति अनुशंसा करती है कि दोनों पक्षों के पीड़ित एक सप्ताह के भीतर अपनी चोट रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.
5. दोनों पक्षों के बयान के अनुसार न तो कोई हथियार लूटा गया और न ही किसी लड़की/महिला से छेड़छाड़ की गई है.
6. एक होमगार्ड ने निम्न जाति का कहे जाने की शिकायत दर्ज की है. दूसरे पक्ष ने ऐसी बात कहने से मना किया है. चिकित्सकों की ओर से सभी जातियों और धर्मों के छात्र शामिल थे. घटना की शुरुआत एक चिकित्सक लड़की से हुई जो स्वयं एसटी समुदाय से है.
7. जिन डॉक्टरों के नाम एफआईआर में दर्ज हैं, वे ड्यूटी पर मौजूद थे और उनके नाम आपातकालीन विभाग में ड्यूटी रोस्टर में दर्ज थे.