हरियाणा की हैट्रिक से झारखंड में BJP को मिली बूस्टर डोज, पार्टी कार्यकर्ताओं का जोश हाई

News Ranchi Mail
0

                                                                           


देश के दो राज्यों हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों की तस्वीर अब साफ होती जा रही है. हरियाणा में बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ जीत की हैट्रिक लगाने जा रही है. प्रदेश की 90 सीटों में से बीजेपी 51 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस को एक बार फिर से विपक्ष में ही बैठना पड़ सकता है. दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ कांग्रेस को गठबंधन करने का फायदा मिला है. यहां कांग्रेस को सत्ता सुख भोगने का मौका मिल गया है. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटने के बाद पहली बार हुए चुनाव में बीजेपी को भले ही जीत हासिल नहीं हुई हो, लेकिन हरियाणा में वह हैट्रिक लगाते दिख रही है. इससे भाजपाई काफी खुश दिखाई दे रहे हैं. सियासी गलियारों में चर्चा है कि हरियाणा में बीजेपी की जीत का असर झारखंड विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है.

सियासी जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के बाद से बीजेपी पर इंडिया गठबंधन हावी होता नजर आ रहा था. बीजेपी को हिंदी भाषी प्रदेशों में तगड़ा झटका लगा था. इससे कांग्रेसी काफी खुश थे. कांग्रेसियों का कहना था कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के कारण बीजेपी को बहुमत से पहले रोकने में कामयाबी मिली है. वहीं गठबंधन के सहारे सत्ता चला रहे पीएम मोदी के तेवर भी पहले जैसे नहीं दिखाई दे रहे थे. हरियाणा में इस बार कांग्रेस और राहुल जीत के दावे कर रहे थे. कहीं न कहीं यह भी सुगबुगाहट थी कि 10 साल के बीजेपी शासन के बाद वहां पर सत्ता परिवर्तन होगा, लेकिन बीजेपी यहां इतिहास रचने जा रही है. वह तीसरी बार सरकार बना सकती है. हरियाणा में मिली जीत से पार्टी कार्यकर्ताओं में नए जोश का संचार हुआ है. इसका पूरा फायदा पार्टी को झारखंड चुनाव में देखने को मिलेगा.

झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार में जिस तरीके से हिंदुओं पर हमले हुए, लव जिहाद के मामले आए, आदिवासी गांव में बांग्लादेशी घुसपैठियों का आना जाना बढ़ा, उससे झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार निशाने पर आ गई है. यहां बीजेपी इन्हीं मुद्दों को लेकर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है और पूरी ताकत झोंक रही है. हरियाणा में मिली जीत से बीजेपी को उम्मीद जगी है कि झारखंड में एक बार फिर से उसकी सरकार बन सकती है. दूसरी ओर राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी को एक बार फिर से एक और हिंदी भाषी राज्य में शिकस्त का सामना करना पड़ा है. इससे एक बार फिर से राहुल गांधी की काबिलियत पर सवाल उठ सकते हैं.

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !