रांची: उच्चतम न्यायालय ने धनशोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के खिलाफ मुकदमे पर लगी रोक हटवाने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की सोमवार को सलाह दी. ईडी ने झारखंड उच्च न्यायालय के आठ नवंबर, 2023 के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है. उच्च न्यायालय ने धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय करने के विरुद्ध कोड़ा की याचिका को विचारार्थ स्वीकार करते हुए निचली अदालत में आगे की कार्यवाही पर रोक का आदेश जारी किया था.
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ को अवगत कराया कि 77 गवाहों में से 25 से पूछताछ की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय इस स्तर पर मुकदमे पर रोक नहीं लगा सकता. पीठ ने राजू से कहा कि उन्हें जांच एजेंसी की शिकायतों को उच्च न्यायालय के समक्ष उठाना चाहिए था, क्योंकि मामला अब भी वहां लंबित है. पीठ ने सुझाव दिया कि शीर्ष अदालत के समक्ष प्रवर्तन निदेशालय की याचिका लंबित रखी जाएगी और इस बीच एजेंसी मुकदमे पर रोक हटाने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकती है.
राजू ने सहमति जताते हुए उच्च न्यायालय में दायर की जाने वाली उनकी अर्जी के शीघ्र निपटारे के लिए निर्देश का अनुरोध किया. पीठ ने ईडी की याचिका को 25 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. न्यायालय ने उच्च न्यायालय को निर्देश दिया कि वह एजेंसी की अर्जी दाखिल होने के सात दिनों के भीतर उसपर विचार करे. पीठ ने राजू से कहा, ‘‘संबंधित तथ्यों को उच्च न्यायालय के संज्ञान में लाएं और इस बीच हम आपकी याचिका को यहां लंबित रख रहे हैं.’’ रांची की एक विशेष अदालत ने कोड़ा और पांच अन्य के खिलाफ करीब 3,500 करोड़ रुपये के धनशोधन के आरोप तय किए थे.