पीएम मोदी और अमित शाह से पहले भाजपा सवर्णों और बनियों की पार्टी कही जाती थी. आज भी सवर्णों पर भाजपा अपना एकाधिकार मानती है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और हेमंत सोरेन सरकार में दिग्गज मंत्री मिथिलेश ठाकुर (Mithilesh Thakur) सवर्ण हैं और वे अपनी पार्टी के लिए तन मन और धन से डटे हुए हैं. शायद यही बात भाजपा को पच नहीं रही है. भाजपा मिथिलेश ठाकुर जैसे मजबूत नेता और सवर्ण चेहरे को झारखंड मुक्ति मोर्चा कैंप में नहीं देखना चाहती. मिथिलेश ठाकुर जैसा मजबूत सवर्ण नेता झारखंड मुक्ति मोर्चा तो छोड़िए, पूरे राज्य में किसी भी पार्टी के पास नहीं है. झामुमो का आरोप है कि मंत्री मिथिलेश ठाकुर के करीबियों पर सोमवार को जो ईडी की रेड हुई, उसके पीछे भाजपा की यही सोच हो सकती है.
ईडी की रेड पर मंत्री मिथिलेश ठाकुर का कहना है कि यह राजनीतिक रेड है. इसका निशाना कहां है, इस बात को आसानी से समझा जा सकता है. उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता ऐसी कार्रवाई के आदी हो गए हैं. ये लोग जनता की अदालत में फेल हो गए हैं तो एजेंसियों को काम पर लगा दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि पारदर्शिता से कार्रवाई हो तो ईडी को पूरा सहयोग दिया जाएगा, लेकिन ईडी को सरकार की कठपुतली की तरह काम नहीं करना चाहिए और सरकार के इशारों पर नहीं चाहना चाहिए.
मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने इस बात का खुलासा किया कि भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के लिए लंबे समय से उन पर दबाव बनाया जा रहा है. मिथिलेश ठाकुर ने यह भी कहा कि फांसी पर चढ़ जाउंगा, पूरा खानदान जेल में सड़ जााएगा पर दबाव की राजनीति में नहीं फंसूंगा.
उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड के लोग किसी भी तरह के छल और धोखा में नहीं आने वाले हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अंतिम पंक्ति के लोगों को हक और अधिकार दिलाने का काम कर रहे हैं और हम भी उसमें सहभागी हैं.