झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. इसी के साथ ही राज्य में प्रत्याशियों की दावेदारी, उनका चयन, ऐलान, नामांकन, नाम वापसी और फिर चुनाव प्रचार का दौर शुरू होने जा रहा है. चुनाव आयोग के मुताबिक, पहला चरण 13 नवंबर और दूसरा 20 नवंबर होगा. पहले चरण यानी 13 नवंबर को 43 सीटों जबकि दूसरे चरण के तहत 20 नवंबर को 38 सीटों पर मतदान होंगे. वहीं 23 नवंबर को नतीजे जारी किए जाएंगे. रिजल्ट आने के बाद नई विधानसभा का कार्यकाल शुरू हो जाएगा और जनता को नई सरकार भी मिल जाएगी. हालांकि, नई विधानसभा में मुख्यमंत्री कितने बदलेंगे, यह नहीं कहा जा सकता. दरअसल, महज 24 साल में झारखंड अब तक 13 मुख्यमंत्रियों को देख चुका है. अब जो मतदान होगा, उसमें 14वें मुख्यमंत्री का चुनाव होगा.
एक और बात यह बिल्कुल मत सोचना कि अभी तक 13 सीएम बनाने के लिए जनता को भी 13 बार वोट डालने की मेहनत करनी पड़ी हो. राज्य के राजनेता अपनी जनता का काफी ख्याल रखते हैं और उन्हें बार-बार पोलिंग बूथ तक जाने के लिए बिल्कुल भी कष्ट नहीं देते. कई बार नेता खुद में ही तय कर लेते हैं कि अब सीएम बदलने का टाइम आ गया है. 5वीं विधानसभा के कार्यकाल यानी 2019 से 2014 का कार्यकाल ही देख लीजिए. जनता ने किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं दिया था, लेकिन जेएमएम सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कांग्रेस और राजद के समर्थन से सरकार बनाई और खुद सीएम बन गए.
ई़डी ने जब 31 जनवरी 2024 को कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया तो उससे पहले उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. जेल जाते वक्त उन्होंने कोल्हान टाइगर यानी चंपई सोरेन को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. लिहाजा जेएमएम-कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन की ओर से चंपई सोरेन को नया नेता चुन लिया गया. चंपई सोरेन ने 2 फरवरी 2024 को सीएम पद की शपथ ली. चपंई सरकार चलाने के दांवपेंच समझ ही रहे थे कि 28 जून 2024 को हेमंत सोरेन को जमानत मिल गई और वह जेल से बाहर आ गए. जेल से बाहर आते ही हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन को कुर्सी से उतार दिया. लिहाजा 3 जुलाई की शाम करीब 8 बजे चंपई सोरेन को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा और तुरंत हेमंत सोरेन ने नई सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया. 4 जुलाई 2024 को हेमंत फिर से मुख्यमंत्री बन गए. प्रदेश में ऐसा पहली बार नहीं हुआ. इस तरह की घटनाएं पहले भी कई बार हो चुकी हैं.