बिहार की जमुई पुलिस ने हाल ही में एक फर्जी आईपीएस को पकड़ा था. आईपीएस की वर्दी पहनकर बाजार में घूमने वाले युवक को पुलिस जब थाने लेकर आई तो उसने जो स्टोरी सुनाई उसे सुनकर पुलिसवालों का भी दिल पसीज गया. हालांकि, अब पता चला है कि फर्जी आईपीएस तो खिलाड़ी निकला. उसने जो स्टोरी सुनाई थी वह भी उसी की तरह नकली साबित हुई. अब पुलिस फिर से उसे पकड़ने की योजना बना रही है. दरअसल, फर्जी आईपीएस बनकर घूम रहे युवक ने पुलिस को अपना नाम मिथलेश मांझी बताया. उसने पुलिस को बताया कि एक मनोज सिंह नाम के युवक ने 2 लाख रुपये लेकर उसे आईपीएस अधिकारी बनाया है. मिथलेश के मुताबिक, मनोज सिंह ने 2 लाख रुपये लेकर वर्दी दी थी और कहा था कि आज से तुम आईपीएस अधिकारी बन गए हो. युवक ने पुलिस को बताया था कि उसने अपने मामा से पैसे लेकर मनोज सिंह को 2 लाख रुपये दिए हैं.
फर्जी आईपीएस बनकर घूम रहे युवक की इस स्टोरी पर पुलिस को तरस आया और थानाध्यक्ष ने युवक को कुछ जुर्माना भराकर छोड़ दिया. वहीं पुलिस ने मनोज सिंह नामक ठग की तलाश शुरू कर दी. उधर मिथलेश इस घटना के बाद स्टार बन गया. उसके पास यूट्यूबरों की लाइन लग गई. हर कोई उसका इंटरव्यू लेना चाहता है. इतना ही नहीं उसकी स्टोरी पर भोजपुरी और मगही में गाने भी रिलीज हो गए. मिथलेश भी इस सक्सेस से खुश है और फर्जी आईपीएस बनने पर गौरवान्वित महसूस कर रहा है. उधर पुलिस उसकी स्टोरी के आधार पर जिले के मनोज सिंह नामक लोगों को थाने बुलाकर तफ्तीश में जुटी रही, लेकिन मनोज सिंह नाम का कोई ठग नहीं मिला.
इसके बाद पुलिस ने मिथलेश मांझी द्वारा सुनाई गई स्टोरी के अन्य हिस्सों की पुष्टि करनी शुरू कर दी, तो वह स्टोरी भी नकली साबित हुई. यानी फर्जी आईपीएस मिथलेश भोली सी शक्ल बनाकर पुलिस को नकली कहानी सुना गया और पुलिस उसे सच मानकर मनोज सिंह को तलाशने लगी. मिथिलेश मांझी ने मनोज सिंह को देने के लिए अपने मामा से दो लाख रुपया लेने की बात बताई थी, मगर उसके मामा ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया. मामा ने बताया कि उसने एक बार मिथिलेश की मां के इलाज के लिए 60 हजार, घर बनाने लिए 45 हजार और शादी के समय 50 हजार रुपये दिए थे. लेकिन नौकरी लगने के नाम पर उसे कभी पैसा नहीं दिया. इतना ही नहीं उसने मनोज सिंह का जो नंबर दिया था, वह भी कई वर्षों से बंद है. अब पुलिस फिर से मिथलेश पर कार्रवाई की योजना बना रही है.