झारखंड में हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण के साथ अबुआ सरकार का गठन हो गया है. चौथी बार राज्य की कमान संभालते ही सीएम हेमंत सोरेन एक्शन मोड में आ गए हैं. राज्य की बकाया राशि को लेकर मुख्यमंत्री के तल्ख तेवर देखने को मिले. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार से बकाया राशि को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है. वहीं मईया सम्मान की राशि को भी 2500 कर दिया जाएगा. जेपीएससी और जेएसएससी का कैलेंडर भी जारी करने की मुख्यमंत्री ने घोषणा कर दी है. उनके इस घोषणा के बाद पक्ष-विपक्ष के बीच राजनीतिक जंग छिड़ गई.
इस मामले में सत्ता पक्ष का कहना है कि हम अपने वादों को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि केंद्र से जो राशि बकाया है. उसकी मांग हम लगातार कर रहे हैं और अब इसके खिलाफ हम कानूनी कार्रवाई भी करेंगे. उन्होंने कहा कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं, पहली कैबिनेट से ही पता चल गया कि 5 साल यह सरकार किस तरह से काम करने जा रही है. मुख्यमंत्री ने अग्निवीर शहीदों के परिजन को सीधी नियुक्ति दी है. यह पहली बार हुआ है. वहीं मइया सम्मान की राशि को 2500 रुपये किया गया है.
वहीं इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि हमने पहले ही कहा था कि हम राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं. अब जब हमारी सरकार बन गई है तो हम राज्य के लिए कई अहम फैसला लेंगे. फिर चाहे वह मइया सम्मान योजना की राशि को बढ़ाना हो या फिर 450 रुपए में सिलेंडर देना हो. उन्होंने कहा कि केंद्र के पास जो हमारी बकाया राशि है जो कि झारखंड के लोगों का पैसा है, वह हम वापस लाने का काम करेंगे. फिर चाहे उसके लिए कानूनी कार्रवाई क्यों ना करनी पड़े. वहीं बीजेपी का कहना है कि जो वादे किए हैं. पहले उन्हें पूरा करें, तब हम कुछ बोलेंगे.
बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि हेमंत सोरेन ने राज्य के मुखिया के तौर पर शपथ ली है तो राज्य के लिए फैसला भी वो लेंगे. लेकिन मुख्यमंत्री ने जो फैसला लिया है पहले उस पर अमल करें. कैबिनेट से कई फैसले लिए जाते हैं लेकिन वह पूरे नहीं होते तो पहले यह सरकार अपने वादों को पूरा करें इस पर कुछ बोला जा सकता है. अभी तो एक-दो दिन ही हुए हैं सरकार बने.