वासना में अंधी महिला ने डेढ़ साल के बेटे को उतारा था मौत के घाट, अब हुई उम्रकैद की सजा

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कहा जाता है कि पूत कपूत हो सकता है, लेकिन माता कभी कुमाता नहीं हो सकती है, लेकिन इस व्याख्या को पूरी तरह गलत साबित करते हुए एक कलयुगी मां का मामला सामने आया है. उस महिला ने अपनी वासना के कारण डेढ़ साल के बेटे को मौत के घाट उतार दिया. मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना झारखंड के गुमला जिले से आई है. गुमला के पालकोट थाना क्षेत्र में डेढ़ वर्षीय बेटे आकाश टेटे की हत्या करने वाली मां संगीता टेटे को प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश ध्रुव चंद मिश्रा की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

शव को तोरपा नदी के बालू में दिया था छिपा
साल 2021 की इस घटना में संगीता ने अपने बेटे की हत्या कर शव को तोरपा नदी के बालू में छिपा दिया था और लापता होने की झूठी रिपोर्ट थाना में दर्ज कराई थी. जांच में पुलिस को पता चला कि महिला ने प्रेमी के साथ भागने के लिए अपने ही मासूम बेटे की न केवल हत्या की योजना बनाई थी, बल्कि मारकर रेत में छिपा भी दिया था. 

कोर्ट ने हत्यारी मां को ठहराया दोषी 
फॉरेंसिक रिपोर्ट और शव से मिले सबूत और गवाहों के बयानों के आधार पर कोर्ट ने संगीता को दोषी ठहराया. सरकारी अधिवक्ता अजय कुमार रजक की कुशल पैरवी से महिला पर यह दोष साबित हुआ और बेटे की हत्या करने के आरोप में अदालत ने महिला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

यह घटना समाज के नैतिक मूल्यों को झकझोर कर देने वाली है, जिसने यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या कोई महिला वासना में इतनी अंधी हो सकती है कि अपने ही खून का खून कर दे. अदालत का यह कठोर निर्णय न्याय और सामाजिक चेतना का उदाहरण बन गया है.

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