झारखंड में बनाया जा रहा था अलकायदा का ट्रेनिंग कैंप, कम पढ़े-लिखे और मजदूर वर्ग थे निशाने पर

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रांची: आतंकी संगठन अलकायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) ने झारखंड में रांची और लातेहार जिले के बॉर्डर पर स्थित नकटा पहाड़ी पर ट्रेनिंग कैंप बनाने का प्लान तैयार किया था. इस बात का खुलासा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और झारखंड पुलिस के एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड के ज्वाइंट ऑपरेशन में गिरफ्तार किए गए एआईक्यूएस के आतंकियों से पूछताछ में हुआ है. दो दिन पहले लोहरदगा के सेन्हा थाना क्षेत्र से गिरफ्तार आतंकी शाहबाज अंसारी ने पुलिस को झारखंड में तैयार किए जा रहे आतंक के मॉड्यूल के बारे में कई चौंकाने वाली जानकारी दी है.

झारखंड में एक्यूआईएस के खतरनाक मंसूबों का मास्टरमाइंड रांची के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में बतौर रेडियोलॉजिस्ट काम करने वाला डॉक्टर इश्तियाक अहमद था. उसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अगस्त में ही गिरफ्तार किया था. उसने आतंक फैलाने के लिए जो मॉड्यूल तैयार किया था, उसका नाम 'रांची रैडिकल ग्रुप' (आरआरजी) रखा गया था. शाहबाज अंसारी भी इसी मॉड्यूल का एक अहम किरदार था. शाहबाज ने पुलिस को बताया है कि कम पढ़े-लिखे और मजदूर वर्ग के लोगों का ब्रेनवॉश कर अलकायदा में शामिल कराया जाता है. उसने कई संदिग्धों के नाम भी बताए हैं. एटीएस ऐसे लोगों की जानकारी जुटाने में लगी है.

एक्यूआईएस के 'रांची रैडिकल ग्रुप' से जिन लोगों को जोड़ा गया था, उनके ब्रेनवॉश के लिए कई तरह के लिटरेचर और अन्य चीजें उपलब्ध कराई जाती थीं. झारखंड से चार लोगों को हथियार चलाने और हमले की ट्रेनिंग के लिए राजस्थान भेजा गया था. वहां से लौटने के बाद उन्हीं की निगरानी में रांची में ट्रेनिंग कैंप चलाने की तैयारी थी. इस पूरे मामले में अब तक रांची से डॉ इश्तियाक, हजारीबाग से फैजान अहमद, रांची के चान्हो थाना क्षेत्र से मो. मोदव्विर, मो. रिजवान, मुफ्ती रहमतुल्लाह मजहिरी, मतिउर रहमान, इल्ताफ अंसारी, इनामुल अंसारी की गिरफ्तारी हो चुकी है.

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