नजरे सद्दाम...वारिश और जाकिर हुसैन से NIA उगलवाएगी पाकिस्तानी साजिश, FIR दर्ज

News Ranchi Mail
0

                                                                         


   

 पाकिस्तान से नेपाल होते हुए कश्मीर में फेक करेंसी पहुंचाने वाले देश के दुश्मनों की कारगुजारियों के परत दर परत को अब एनआईए (NIA) उजागर करेगी। मोतिहारी में पिछले वर्ष 5 सिंतबर को बंजरिया पुलिस ने एक इंजीनियर के साथ तीन तस्करों को जाली नोट के साथ गिरफ्तार किया था. इस मामले से खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान अब किस तरह से सीधा कश्मीर पैसा ना पहुंचाकर एक नए रुट से पैसा पहुंचा रहा है. पैसा पहुंचाने में जाने-अंजाने देश के पढ़े लिखे युवक पाकिस्तान के खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के मोहरे बने हुए है. 

दरअसल, मोतिहारी पुलिस ने खुलासा किया था कि पाकिस्तान से फेक करेंसी नेपाल के दो सहोदर भाइयों तक पहुंचता है फिर नेपाल के धोरे गांव का राजेश सहनी जाली नोट को तस्करों को देता है, जो मोतिहारी के रास्ते कश्मीर जाता है. पुलिस ने बताया था कि मिल्ट्री इंटलीजेंस के गोपनीय सूचना पर मोतिहारी पुलिस ने बंजरिया से 1,95000/- जाली नोट के साथ तीन तस्कर को गिरफ्तार किया था. ये लोग नेपाल से रुपए से भरा बैग लेकर हैरैया बॉर्डर से भारत में प्रवेश कर मोतिहारी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने जा रहे थे. 

पुलिस के अनुसार, जाली नोट के पाकिस्तान कनेक्शन का मुख्य किरदार नजरे सद्दाम भी मोतिहारी पुलिस के हत्थे चढ़ गया. नजरे सद्दाम भागलपुर के भीकनपुर गुमटी नंबर 3 के पास का रहने वाला है. नजरे सद्दाम के बारे में बताया जाता है कि वो सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पढ़ाई कर रखा है पर जल्दी करोड़पति बनने के लालच में जाली नोट के धन्धे में आ गया. नजरे सद्दाम का भागलपुर में टीवी फ्रिज की दुकान है जहां पर बैठकर वो अपने गलत धंधे को पुलिस की नजरों से बचाता रहा था. 

नजरे सद्दाम समेत मोहम्मद वारिश और जाकिर हुसैन गिरफ्तार हुए. तीनों आरोपियों से कई सुरक्षा एजेंसी मोतिहारी में गुप्त स्थान पर रखकर पूछताछ भी की थी. नजरे सद्दाम से मिले जानकारी के बाद कश्मीर के अनंतनाग से सरफराज को भी मोतिहारी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. तब तीनों तस्करों के पास से बरामद जाली नोट को मोतिहारी पुलिस ने नोट छापने वाले नासिक के प्रेस में भेजकर जांच करवाया तो मोतिहारी पुलिस के होश उड़ गए.

नासिक प्रेस ने 18 नवंबर के अपने जांच रिपोर्ट में बताया है कि बरामद जाली नोट उच्च गुणवत्ता वाले नोट है जिसे नग्न आंखों से पहचानना मुश्किल है. उच्च गुणवत्ता के जाली नोट नेपाल के रास्ते कश्मीर जाने के मामले को गृह विभाग ने गंभीरता से लिया. अब एआईए के दिल्ली में 16 दिसम्बर को FIR no-RC-17/2024/NIA/DLI दर्ज कर पूरे मामले का जांच अपने हाथों में ले लिया है. 

बता दें मोतिहारी में गिरफ्तार होने से पहले तब इंजीनियर नजरे सद्दाम तीन महीनों से भारी मात्रा में जाली नोट के साथ भारत मे प्रवेश की प्लांनिग कर रहा था. जिसका इनपुट जम्मू के उधमपुर से मिलिट्री इंटलीजेंस को मिली थी. उसके बाद मिल्ट्री और आईबी समेत इंटलीजेंस की कई टीम लागातार रक्सौल बॉर्डर पर नजर बनाये हुए थी. मिलिट्री इंटलीजेंस की लखनऊ, पटना और मुजफ्फरपुर की टीम के अलावा आईबी की दिल्ली की टीम लगातार नजरे सद्दाम को ट्रैक करने में जुटी हुई थी, लेकिन नजरें सद्दाम हाथ नहीं आ रहा था. 

वहीं, एक दो बार इंटलीजेंस की टीम रक्सौल बॉर्डर पर पहुंचकर खाली हाथ वापस लौट गई थी. पिछले वर्ष अगस्त महीने में इनपुट मिला था कि नजरे सद्दाम बीस लाख रुपया के साथ मोतिहारी के भेलाही बॉर्डर से भारत मे प्रवेश करेगा, तब भी नजरे सद्दाम गिरफ्त में नहीं आ सका था. मगर, इस बार इंटलीजेंस विभाग के पास नजरे सद्दाम के आने की पुख्ता सूचना और रूट की जानकारी थी. इंटलीजेंस एजेंसी की सूचना पर मोतिहारी पुलिस ने जाली नोट के साथ नजरे सद्दाम को गिरफ्तार कर लिया था.

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !