कहानियों में बाल मन को प्रभावित करने, चिंतन को प्रोत्साहित करने और बदलाव को प्रेरित करने की शक्ति होती है। बच्चों के विकास के लिए यह एक शक्तिशाली प्रेरक की तरह है। शिक्षा शास्त्र में स्टोरी टेलिंग को एकीकृत करके शिक्षक बच्चों को सीखने में अधिक रुचि और आनंद ला सकते हैं। इस उद्देश्य को समर्पित सीबीएसई, पटना के तत्वावधान में कैपिसिटी बिल्डिंग कार्यक्रम के तहत जवाहर विद्या मंदिर श्यामली के दयानंद प्रेक्षागृह में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ।
इस कार्यशाला में राँची, रामगढ़, हज़ारीबाग़ के सेंट जेवियर स्कूल, होली क्रॉस, ऑक्सफ़ोर्ड एकैडमी, श्री गुरुनानक सीनियर सेकंडरी पब्लिक स्कूल, सरला बिड़ला पब्लिक स्कूल, गौतम बुद्धा इंटर नेशनल स्कूल तथा जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के साठ शिक्षक-शिक्षिकाओं ने हिस्सा लिया।
इस कार्यशाला में लॉयला कान्वेंट पब्लिक स्कूल के प्राचार्या श्रीमती पारोमिता साहा एवं विकास विद्यालय की वरीय शिक्षिका श्रीमती सुकृति केजरीवाल ने रिसोर्स पर्सन के रूप में प्रदत्त विषय पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।
रिसोर्स पर्सन ने चार सत्र में सेमीनार में ऑडियो, वीडियो, क्रियाकलाप, एक्ट प्ले आदि गतिविधियों से स्टोरी टेलिंग की परिभाषा और महत्व, बच्चों के विकास पर स्टोरी टेलिंग का प्रभाव, पेडागॉजी में स्टोरी टेलिंग को एकीकृत करने के तरीके, विभिन्न प्रकार की कहानियों का उपयोग, बच्चों को अपनी कहानियाँ बनाने के लिए प्रोत्साहित करने तथा स्टोरी टेलिंग के लिए कई विधियों से अवगत कराया।
रिसोर्स पर्सन ने बताया कि कथा वाचन एक प्राचीन कला है जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी ज्ञान, मूल्यों और अनुभवों को पारित करने के लिए उपयोग किया जाता रहा है। यह बच्चों मे मनोरंजन के साथ उनमें संज्ञानात्मक, सामाजिक, भावनात्मक और भाषा विकास को भी बढ़ावा देता है।
वहीं प्रशिक्षु शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भी पूरे मनोयोग से विषय को समझा और क्रियाकलाप द्वारा सक्रिय भागीदारी निभाई।
प्राचार्य श्री समरजीत जाना ने सभी आगंतुक शिक्षकों का स्वागत किया और कहा कि कहानियाँ बच्चों को नए शब्द सीखने, वाक्य संरचनाओं को समझने, भाषा के प्रवाह को बेहतर बनाने, कल्पना का उपयोग करने, समस्याओं को हल करने, तार्किक रूप से सोचने और महत्वपूर्ण निर्णय लेने, दूसरों की भावनाओं को समझने, सहानुभूति विकसित करने और सामाजिक कौशल सीखने में मदद करती हैं। गणित, विज्ञान, इतिहास और अन्य विषयों को कहानियों के माध्यम से पढ़ाया जा सकता है इसलिए शिक्षक कक्षा में कहानियों को चर्चा और गतिविधियों के लिए उपयोग करें जिससे बच्चों की समझ को बढ़ाने और उनको को रचनात्मक गतिविधियों में शामिल किया जा सके।