रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) बोर्ड की 10वीं कक्षा की हिंदी और विज्ञान की परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में अब जांच तेज हो गई है. इस मामले में 3 जिला पिक प्वाइंट बन गया है, जहां पुलिस और एसआईटी की टीम इन्वेस्टिगेशन करने में जुटी हुई है. गिरिडीह जिले में हुई गिरफ्तारियों ने कई राज पर से पर्दा हटा दिया है. हालांकि, अब भी कई चीजें है जिसे लेकर वेरिफिकेशन का कार्य तेजी से किया जा रहा है. झारखंड में मैट्रिक परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच तेज कर दी गई है. हालांकि, इस मामले की गर्माहट विधानसभा में भी नजर आ रही है तो वहीं, परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक को लेकर झारखंड सीआईडी मुख्यालय में भी गहमागहमी बढ़ चली है. परीक्षा कंडक्ट करने की पूरी प्रक्रिया की जानकारी सीआईडी आईजी ने ले ली है. अब तक के इंवेस्टीगेशन में ये बातें सामने आई है कि गिरिडीह में ही मैट्रिक की परीक्षा का पेपर अनलोडिंग होने और पेपर को केंद्र पर ले जाने के दौरान ही पेपर की चोरी की गई है.
जिसके बाद कुछ दिनों तक स्थानीय स्तर पर कुछ छात्रों के बीच पेपर को बांटा गया. वहीं, इसके बाद 12 फरवरी से पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. हालांकि मैट्रिक परीक्षा पेपर लीक होने की जानकारी परीक्षा से मात्र एक दिन पहले मिली. बताते चले कि शुरुआती दौर में जिन्हें हिरासत में लिया गया उसमें ज्यादातर स्टूडेंट हैं.
वहीं, इसके साथ ही इस मामले में सीआईडी आईजी ने बताया कि सभी तीनों जिलों आपसी कॉर्डिनेट करते हुए कार्य कर रहे हैं. कोडरमा से इस मामले में लोगों को गिरफ्तार किया गया था. वहीं, इसके साथ गिरिडीह से भी आज कई लोगों को रिटेन किया गया है. हालांकि, इस पूरे प्रकरण में कुछ स्टूडेंट का नाम भी आया है. सभी से पूछताछ के बाद ही कारण स्पष्ट रूप से सामने आ पाएगा.
बता दें कि मैट्रिक परीक्षा पेपर लीक होने से राजनीतिक बवाल भी मचा हुआ है. कहीं न कहीं इसका असर विधानसभा सत्र में भी देखने को मिल रहा है. ऐसे में इस पूरे मामले का खुलासा करना झारखंड पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है.