2024 में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में जीत से उत्साहित झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने संगठन विस्तार और पार्टी को सशक्त करने की रणनीति तैयार कर ली है. एक ओर जहां पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरी जा रही है. तो वहीं दूसरी ओर झारखंड मुक्ति मोर्चा के टारगेट पर केंद्र सरकार है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि 'केंद्र सरकार सिर्फ नए-नए जुमले लाती है, लेकिन हमारे हक का पैसा नहीं दिया जाता. उन्होंने कहा कि भले ही हमारी अनदेखी की जा रही है, लेकिन हम अपने हक का पैसा लेकर रहेंगे'.
वहीं इस बयान पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा कि 'मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रासंगिक बातें कही हैं. बजट में हमें उम्मीद थी कि हमारा बकाया मिलेगा, लेकिन केंद्र सरकार हठथर्मिता कर रही है. संघीय ढांचे पर प्रहार किया जा रहा है, लेकिन अगर हमारे हक का पैसा नही मिलेगा तो झारखंड मुक्ति मोर्चा अपने तेवर के लिए जाना जाता है. आने वाले समय में एक आंदोलन के रूपरेखा की तैयारी है'. वहीं बकाया राशि को लेकर कल्पना सोरेन ने भी हूल की बात कही है.
तो वहीं कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि 'बीजेपी सरकार सिर्फ जुमले की सरकार है. 2 करोड़ युवाओं को रोजगार, 15 लाख, ऐसे कई जुमले इन्होंने बोले हैं. बजट में भी जुमला ही निकल कर सामने आया. केंद्र सरकार अपने हर वादों से पीछे हट जाती, बीजेपी के लोग झूठे हैं. इन्हें झारखंड से प्रेम नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रभारी के नेतृत्व के हम अपना पैसा लेकर रहेंगे'.
कांग्रेस और जेएमएम के हमले पर भारतीय जनता पार्टी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि 'हेमंत सरकार मैया सम्मान योजना को लेकर फंस चुकी है. राशि दी नहीं जा रही है और जिन्हें राशि दी जा रही है वह भी सवालों के घेरे में है. झारखंड के पैसे की लूट मची है. वोट लेने के लिए आनन-फानन में लोगों को पैसे दे दिए गए और अब जब पैसा नहीं हो रहा है. तो यह ड्रामेबाजी कर रहे हैं'.