झारखंड बीजेपी को जल्द ही अपना नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने वाला है. प्रदेश उपाध्यक्ष और सांसद कालीचरण सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि 15 मई के बाद कभी भी प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है, क्योंकि उससे पहले संगठन का काम पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी के संगठन का अपना सिस्टम है. पहले सदस्यता अभियान पूरा होता है, फिर बूथ स्तर का चुनाव होता है. उसके बाद मंडल और जिला कमेटी का गठन होता है. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होता है. संगठन में यह सब चल रहा है. सिस्टम से ही काम हो रहा है. उन्होंने बताया कि सभी जिलाध्यक्ष का चुनाव 10 से 15 मई तक पूरा हो जाएगा. केंद्र को इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष का चुनाव केंद्रीय नेतृत्व तय करता है. उससे पहले जिला अध्यक्षों का चुनाव संपन्न हो जाएगा.
इस पर अभी सस्पेंस बना हुआ है. ओबीसी, सामान्य और अनुसूचित जाति/जनजाति के नेताओं के बीच 'कुर्सी की दौड़' शुरू हो गई है. इसमें कई नेताओं के नाम चल रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय नेतृत्व की नजर ओबीसी नेताओं पर है, जिससे ओबीसी राजनीति को बढ़ावा मिल सकता है. इस पद दौड़ में पूर्व मुख्यमंत्री और हाल ही में ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने वाले रघुवर दास भी शामिल हैं. इसके अलावा मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, पूर्व सीएम चंपई सोरेन, राज्यसभा सांसद आदित्य प्रसाद साहू और धनबाद सांसद ढुलू महतो के साथ-साथ हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल के नाम की भी चर्चा है.
सामान्य वर्ग से प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र राय और प्रदेश महामंत्री रह चुके अनंत ओझा का नाम शामिल है. दलित वर्ग से संभावित नाम अमर कुमार बाउरी का सामने आया है. अमर कुमार बाउरी पूर्व विधायक और नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं. वे एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. ओबीसी से अब तक सिर्फ रघुवर दास ही दो बार प्रदेश अध्यक्ष बने हैं, जबकि आदिवासी समुदाय से प्रो. दुखा भगत और बाबूलाल मरांडी को यह पद मिला है. वर्तमान में बाबूलाल मरांडी प्रदेश अध्यक्ष हैं और बीजेपी के संविधान के अनुसार वे दोबारा इस पद पर आ सकते हैं.