पश्चिमी चंपारण जिला के बगहा में बहुचर्चित जमीनी विवाद मामले में 20 साल बाद न्यायालय ने अहम फैसला सुनाया है. जमीन को लेकर सगे भाई पर हमला करने के आरोपी युवक और उसके बेटे को कोर्ट ने दोषी करार दिया है. कोर्ट ने दोषी बाप-बेटे को 7-7 साल कैद के साथ-साथ 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. इसके अलावा धारा 323/24 में दोषियों को 3-3 साल अतिरिक्त सजा सुनाई गई है. बगहा ADJ-3 आशीष मिश्रा की अदालत ने यह फैसला सुनाया है. बता दें कि 15 जून 2005 को बगहा टाउन थाना क्षेत्र के अहीरवलिया गांव में जमीनी विवाद में मदन यादव ने अपने बेटे संजय यादव के साथ मिलकर सगे भाई पर जानलेवा हमला किया था और उसे बुरी तरह जख्मी कर दिया था. चश्मदीद गवाहों की गवाही के बाद न्यायालय ने दोषियों को सजा सुनाई है.
यह सजा व्यवहार न्यायालय बगहा में ADJ-3 आशीष मिश्रा के कोर्ट द्वारा सुनाई गई है. इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए अपर लोक अभियोजक कमलेश शर्मा ने बताया कि बगहा नगर थाना क्षेत्र के अहिरवलिया गांव में जमीनी विवाद में खुटा गाड़ने को लेकर दो सगे भाईयों में विवाद ने हिंसक रूप ले लिया और भाई-भतीजे ने जबरदस्त मारपीट की घटना को अंजाम दिया था. इस घटना में कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद न्यायालय ने सजा का एलान किया है.
बता दें की भूमि विवाद को लेकर वर्षों से ग्रसित चम्पारण में खून-खराबा और जानलेवा हमले समेत हत्या के मामले अक्सर सामने आते हैं. ऐसे में जमीनी विवाद में बगहा कोर्ट का यह फैसला निश्चित तौर पर कानून को हाथ में लेने वालों के लिए सबक होगा. वहीं दूसरी ओर बिहार में अभी भूमि सर्वे का कार्य गति पर है, इस लिहाज से भी यह फैसला बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा. इधर बगहा सब जेल से कोर्ट में पेशी और न्यायायल के फैसले के बाद दोषियों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उपकारा बगहा में निरुद्ध कर दिया गया है.