रांची में शनिवार को कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा सुप्रीम कोर्ट और भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना पर की गई टिप्पणी की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि यह बयान न केवल संविधान विरोधी है, बल्कि लोकतंत्र के मूल स्तंभों पर सीधा हमला है. उन्होंने सांसद की बर्खास्तगी की मांग करते हुए कहा कि ऐसे बयानों को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता.
प्रदीप यादव ने दावा किया कि यह टिप्पणी भाजपा नेतृत्व के इशारे पर की गई है. उन्होंने कहा कि भले ही भाजपा औपचारिक रूप से बयान से खुद को अलग कर रही हो, लेकिन हकीकत यही है कि पार्टी के शीर्ष नेताओं की सहमति के बिना ऐसा बयान संभव नहीं है. उन्होंने प्रधानमंत्री और भाजपा नेताओं से इस बयान के लिए देश से माफी मांगने की मांग की.
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस तरह के बयानों से न्यायपालिका को डराने और संवैधानिक संस्थाओं पर दबाव बनाने की साजिश हो रही है. उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बताया. साथ ही कहा कि भाजपा जानबूझकर देश में अराजकता का माहौल पैदा कर रही है, ताकि लोगों का ध्यान मूल मुद्दों से भटकाया जा सके.
प्रदीप यादव ने कहा कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 13 सुप्रीम कोर्ट को अधिकार देता है कि वह किसी भी ऐसे कानून की समीक्षा कर सके, जो संविधान की मूल भावना के खिलाफ हो. उन्होंने 1973 के केशवानंद भारती केस का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अधिकार पर सवाल उठाना खुद संविधान का अपमान है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि निशिकांत दुबे की टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है और यह क्रिमिनल रिट का मामला बनता है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर कांग्रेस पार्टी अदालत का दरवाजा खटखटाएगी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में अन्य कांग्रेस नेता भी मौजूद रहे जिन्होंने एकजुट होकर बयान की निंदा की.