वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही यह कानून बन चुका है, लेकिन इसके बाद भी इस मुद्दे पर राजनीति अबतक जारी है. विपक्षी नेता अभी तक इस बिल का विरोध कर रहे हैं. इसी कड़ी में झारखंड मुक्ति मोर्चा के महाधिवेशन में इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित हुए. वहीं झारखंड कांग्रेस नेता और हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री इरफान अंसारी ने राष्ट्रपति को कानून पर पुनर्विचार का पोस्टकार्ड में लिख दिया. इतना ही नहीं उन्होंने वक्फ कानून पर बड़ा बयान दिया है. मंत्री इरफान अंसारी ने स्पष्ट कहा कि कांग्रेस की सरकार में वक्फ को फिर से लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि कानून बन गया है तो रिजेक्ट भी होता है. उन्होंने आगे कहा कि अगर बीजेपी वापस नहीं करेगी तो जब हमारी सरकार बनेगी तो हम इसे वापस करेंगे.
झारखंड सरकार में मंत्री इरफान अंसारी ने कहा है कि कृषि बिल भी केंद्र सरकार ने लाया था, लेकिन सैकड़ो लोगों के मौत के बाद वापस लेना पड़ा. उन्होंने कहा कि बीजेपी यह चाहती है कि देश जले, दंगे-फसाद हो और वह राज करे. उन्होंने कहा कि संवैधानिक तरीके से हमारा विरोध जारी रहेगा. वक्फ पर कानून बन गया तो रिजेक्ट भी हो जाएगा. अगर बीजेपी वापस नहीं करेगी तो जब हमारी सरकार बनेगी तो हम इसे वापस करेंगे. उन्होंने कहा कि यह कानून आपस में लड़ने वाला है. जो किसी एक विशेष समुदाय की भावनाओं को कुचले, ऐसा कानून हमें नहीं चाहिए. इस कानून से आने के बाद मुसलमान को दुख हुआ है.
मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि बीजेपी को मेडिकल पर बिल लाना चाहिए, लेकिन वह नहीं लाएंगे. पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हमें पंचर बनाने वाला बोलते हैं और हमारे समाज के अब्दुल कलाम आजाद देश को साइंस देते हैं. आप हमें पंचर बनाने वाला कहते हैं. यह हमें आहत करता है. कृपया ऐसे शब्दों का मुसलमान के लिए प्रयोग ना करें. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मुसलमान की नकली हितैषी है. हमसे राय ही नहीं लिया गया, हितेषी कैसे हो गए. उन्होंने पूछा कि बीजेपी के पास कितने मुस्लिम सांसद विधायक और मंत्री हैं.