मुजफ्फरपुर जीआरपी ने चोरी के मोबाइल का IMEI (अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान संख्या) बदलकर उन्हें बेचने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है. रेल डीएसपी रौशन गुप्ता के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई में गिरोह के तीन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से 34 महंगे स्मार्टफोन, एक टैबलेट और एक लैपटॉप बरामद हुआ है, जिसकी कुल कीमत लगभग 5.90 लाख रुपये बताई जा रही है.
कुछ दिनों पहले एक छात्र से मोबाइल झपटने की घटना सामने आई थी, जिसमें छात्र ट्रेन से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था. इस घटना की जांच के दौरान पुलिस को सुराग मिला कि चोरी किए गए मोबाइलों का IMEI नंबर बदलकर उन्हें बेचने का एक संगठित गिरोह सक्रिय है. इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी त्रिभुवन को पकड़ा, जिसने गिरोह के नेटवर्क के बारे में अहम जानकारी दी.
गिरफ्तार त्रिभुवन ने बताया कि उसने चोरी का मोबाइल अप्सरा मार्केट स्थित कैफी मोबाइल शॉप के मालिक मोहम्मद कैफी से खरीदा था. इसके बाद रेल पुलिस ने दुकान पर छापेमारी कर कैफी को गिरफ्तार किया. इसी दुकान से मोबाइल के लॉक तोड़ने वाले दो अन्य आरोपियों, कुंदन कुमार सिंह और रोहित कुमार को भी पकड़ा गया.
पुलिस जांच में सामने आया कि गिरोह के पास मौजूद लैपटॉप में कई विदेशी ऐप इंस्टॉल थे, जिनका इस्तेमाल चोरी के मोबाइलों का IMEI नंबर बदलने के लिए किया जाता था. IMEI नंबर बदलने से सर्विलांस टीम को चोरी हुए मोबाइल का लोकेशन ट्रेस करना बेहद मुश्किल हो जाता था.
रेल डीएसपी रौशन गुप्ता ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों का नेटवर्क ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर सक्रिय था. वे मोबाइल और लैपटॉप चोरों से चोरी का सामान खरीदकर IMEI नंबर बदलने के बाद उसे बेचते थे. इनके पास से बरामद मोबाइलों और अन्य उपकरणों की जांच जारी है. पुलिस को संदेह है कि इस गिरोह के और भी कई सदस्य सक्रिय हो सकते हैं. उनकी तलाश की जा रही है और गिरोह के नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने के लिए छापेमारी जारी है.