झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक चंपई सोरेन ने राज्य में वर्ष 2024 के चुनाव के बाद सत्ता में आई हेमंत सोरेन सरकार के छह महीने के कार्यकाल को 'निराशाजनक' करार दिया है. सोमवार को जमशेदपुर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन सरकार उन वादों को पूरा करने में विफल रही है, जिनके दम पर वह सत्ता में आई थी. चंपई सोरेन के अनुसार, यह सरकार नीतिगत फैसलों, योजनाओं को लागू करने और प्रशासनिक ईमानदारी जैसे हर मोर्चे पर असफल साबित हो रही है.
चंपई सोरेन ने विशेष रूप से हेमंत सरकार की 'मंईयां सम्मान योजना' पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान इस योजना के नाम पर बड़े-बड़े वादे किए गए थे, लेकिन सत्ता में आने के छह महीने के भीतर ही इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ियाँ सामने आने लगी हैं. उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले तीन महीनों से इस योजना की राशि लाभार्थियों को नहीं दी जा रही है. चंपई सोरेन ने कहा, 'यह योजना बुजुर्ग, विधवा और बेसहारा महिलाओं के लिए शुरू की गई थी, लेकिन अब तक इसके तहत राशि का नियमित आवंटन नहीं हो पा रहा है. लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया गया है.'
पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अपनी बात को पुख्ता करने के लिए घाटशिला विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण दिया. उन्होंने बताया कि वहाँ लगभग 180 ऐसे लोग फर्जी तरीके से 'मंईयां सम्मान योजना' में शामिल कर लिए गए, जो वास्तव में इसके पात्र ही नहीं थे. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने बिना किसी उचित जांच के इन फर्जी लाभार्थियों के खातों में पैसे भी ट्रांसफर कर दिए. इससे न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ, बल्कि जो असली लाभार्थी हैं, वे आज भी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. चंपई सोरेन ने राज्य में नगर निकायों के चुनाव को लेकर भी हेमंत सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि इन चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण देने के लिए 'ट्रिपल टेस्ट' की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, इसके बावजूद सरकार इन चुनावों को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखा रही है. चंपई सोरेन ने अंत में कहा कि जनता ने जिन्हें भरोसे के साथ चुना था, वही आज अपनी जवाबदेही से बचते नज़र आ रहे हैं.