डॉ. राधेमोहन प्रसाद के बेटे डॉ. सौरभ मोहन ने बताया कि 21 मई को मेरी मां और पापा घर पर ही थे. तभी मुंबई से एक फोन कॉल आया. सामने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए कहा, मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन में एक केस दर्ज हुआ है. मुंबई आना होगा. डॉ. सौरभ ने बताया कि मेरे पिताजी ने कहा कि इतनी जल्दी मुंबई कैसे आ सकते हैं? फिर उसने कोलाबा पुलिस स्टेशन का नंबर दिया. इसके बाद पापा ने उनसे बात की तो उनलोगों ने बताया कि डॉ. राधेमोहन प्रसाद और छवि प्रसाद के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज हुआ है. एक वीडियो कॉल भी आया था, जिसमें वे सब पुलिस ड्रेस में थे.
डॉ. सौरभ ने बताया कि पापा और मम्मी को गिरफ्तारी का डर दिखाकर साइबर अपराधियों ने पूरी तरह से अपनी बातों में ले लिया. उन्होंने कहा, आपके नंबर से धोखाधड़ी हुई है. आप पर आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं. आप मोस्टवांटेड हैं. आप रुपए नहीं भेजेंगे तो आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा. डॉक्टर दंपति को साइबर ठगों ने इतना डराया और धमकाया कि दोनों ने खुद ही जाकर बैंक जाकर पैसे ट्रांसफर कर दिए. डॉक्टर दंपति ने 6 बार में आरटीजीएस के जरिए एक करोड़ 95 लाख रुपए ट्रांसफर किए.