बिहार के औरंगाबाद जिले में झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही और गैरकानूनी चिकित्सा प्रैक्टिस के कारण आम लोगों की जान जाना अब एक आम घटना बनती जा रही है. अभी गोह प्रखंड के जीवक अस्पताल में गलत ऑपरेशन के कारण एक महिला की मौत की जांच जारी थी कि इसी बीच एक और दर्दनाक मामला सामने आ गया है. इस बार मामला जिला मुख्यालय से जुड़ा हुआ है.
दरअसल, सदर प्रखंड के रविकर गांव निवासी समता राम की पत्नी बेबी देवी को जब प्रसव पीड़ा हुई, तो गांव के ही एक कथित चिकित्सक अरविंद, जो कि दलाल प्रवृत्ति का झोलाछाप डॉक्टर है, उसने बहला-फुसलाकर शहर के एक फर्जी क्लीनिक में भर्ती करा दिया. इलाज के नाम पर वहां जो कुछ हुआ, उसने एक और जान ले ली, बेबी देवी की गलत इलाज के कारण मौत हो गई. जैसे ही प्रसूता की मौत की खबर परिजनों को मिली, उन्होंने क्लीनिक में पहुंचकर जमकर हंगामा किया.
आक्रोशित लोगों की भीड़ को देख आरोपी झोलाछाप डॉक्टर और उसका स्टाफ क्लीनिक छोड़कर फरार हो गया. घटना की सूचना मिलते ही मुफस्सिल थाना पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को काबू में किया. पुलिस ने परिजनों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया, जिसके बाद स्थिति शांत हो सकी.
बता दें कि इस घटना ने एक बार फिर जिले में अवैध रूप से संचालित निजी क्लीनिकों और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ उठते सवालों को हवा दे दी है. जब इस विषय में सिविल सर्जन डॉ. रविरंजन से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि उनका प्राथमिक कार्य पोस्टमार्टम के जरिए मौत के कारणों की पुष्टि करना और अवैध क्लीनिकों पर कार्रवाई करना है. उन्होंने बताया कि इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, और फर्जी क्लीनिक को सील करने की कार्रवाई की जा रही है.
सिविल सर्जन ने आगे कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया जा रहा है, जो जिले भर में संचालित सभी निजी क्लीनिकों की जांच करेगी. जो भी संस्थान बिना लाइसेंस, स्वास्थ्य मानकों से परे या फर्जी दस्तावेजों के आधार पर काम करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.