बिहार से शुरू हुआ एसआईआर (SIR) का अब झारखंड में सियासी तूल पकड़ रहा है. झारखंड की सत्ताधारी पार्टी इसके खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लाने की तैयारी में हैं. 4 अगस्त, 2025 दिन सोमवार को सत्ताधारी दल सदन में एसआईआर (SIR) के खिलाफ प्रस्ताव लाएगी. इसे सदन से पास करवा कर केंद्र सरकार को भेजेंगी.
एसआईआर (SIR) को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि एसआईआर का इंटेंशन ही सवालों के घेरे में है. चुनाव आयोग किसी वोटर का अधिकार नहीं छीन सकती. मतदाता पुनरीक्षण का विरोध नहीं पर इंटेंशन सही नहीं है. एक खासकर धर्म के लोगों को टारगेट किया जा रहा है. इसको लेकर सत्ताधारी दल 4 अगस्त को सदन में प्रस्ताव लाएगी.
झारखंड के हेल्थ मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि बिहार में साजिश के तहत वोटर का अधिकार छीनना चाहती है, जनता का मनोबल तोड़ना चाहते हैं. इसलिए झारखंड में भी इसका विरोध होगा. हम लोग विधानसभा अध्यक्ष से सदन में उस पर विस्तार पूर्वक चर्चा की मांग करेंगे. हर हाल में इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित हों, जिससे मैसेज जाए झारखंड में इसका विरोध करेंगे और जरुरत पड़ी तो बिहार में भी जाकर विरोध करेंगे.
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि पता नहीं हेमंत सोरेन सरकार एसआईआर (sir) को लेकर इतना भयभीत क्यों है, वो चाहती है फर्जी वोटर से जीते, मरे हुए लोगों के वोट से जीते. जिस तरह के घुसपैठिए हैं उनके वोट से जीते. सीएम हेमंत सोरेन को इसका स्वागत करना चाहिए. ये आदिवासी मूलवासी के हित में है. यहां घुसपैठिए मुसलमान आयेंगे तो यहां के मुसलमान का ही ही हक मारेंगे, बड़ा दिल दिखाकर राज्य सरकार को इसका स्वागत करना चाहिए.