मुजफ्फरपुर में निगरानी विभाग की टीम ने रंगेहाथ रिश्वत लेते क्लर्क को गिरफ्तार किया है. जिले के मोतीपुर अंचल में तैनात आरोपी क्लर्क की पहचान श्याम चन्द्र किशोर के नाम से की गयी है. मिली जानकारी के अनुसार, 19 दिसंबर, 2025 दिन शुक्रवार को अंचल कार्यालय में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो यानी विजिलेंस की टीम ने आठ हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है. वहीं, क्लर्क श्याम ने कार्यालय में आये एक व्यक्ति से जमीन संबंधी कार्य एलपीसी यानी लैंड पजेशन सर्टिफिकेट बनाने के लिए आठ हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी.
पीड़ित के शिकायत पर हुई कार्रवाई
जानकारी के अनुसार, एलपीसी बनाने के लिए 8 हजार की डिमांड करने पर पीड़ित ने पटना स्थित निगरानी विभाग में इसकी शिकायत की. जिसके बाद विभाग ने क्लर्क को पकड़ने के लिए एक स्पेशल टीम का गठन किया है. शुक्रवार को पीड़ित की तरफ से क्लर्क को रिश्वत की तय रकम मिलते ही विजिलेंस की टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया. फिलहाल, अंचल क्लर्क श्याम चंद्र किशोर से विभाग की टीम सर्किट हाउस में पूछताछ कर रही है. आगे की कार्रवाई के लिए क्लर्क श्याम को कोर्ट में पेश किया जायेगा.
मोतिहारी में रिश्वत लेते एक महिला पर्यवेक्षिका गिरफ्तार
मोतिहारी में निगरानी विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. निगरानी की टीम ने बाल विकास परियोजना की पर्यवेक्षिका को चार हजार रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है. मोतिहारी के केसरिया में तैनात बाल विकास परियोजना की एलएस अंबालिका कुमारी के खिलाफ निगरानी विभाग को भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी. शिकायत मिलने के बाद निगरानी ने पहले आरोप की जांच की.
जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद निगरानी की टीम केसरिया पहुंची और सुपरवाइजर को गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया. जैसे ही घूसखोर महिला सुपरवाइजर रिश्वत के पैसे ले रही थी,निगरानी की टीम ने धावा बोल दिया और उसे पैसों के साथ रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार करने के बाद निगरानी की टीम ने महिला पर्यवेक्षिका को अपने साथ ले गई. जिसे निगरानी की टीम आरोपी को स्पेशल कोर्ट में पेश करेगी.
केसरिया बाल विकास परियोजना के कार्यालय से महिला पर्यवेक्षिका अम्बालिका कुमारी को पोषाहार मामले में चार हजार आंगनबाड़ी केन्द्र से लेते हुए गिरफ्तार किया है. महिला पर्यवेक्षिका अम्बालिका कुमारी पर आरोप है कि पोषाहार के रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रत्येक महीना चार हजार रुपया की रिश्वत मांगी थी.
